जब अचानक प्रेस खराब हो जाए, तो इन ट्रिक्स से निकालें कपड़ों की सिलवटें

Webdunia
कई बार आपके साथ भी ऐसा हुआ होगा कि आप प्रेस करने के लिए ढ़ेर सारे कपड़े लेकर बैठी हो, और अचानक बीच में प्रेस बंद हो गई हो। कई बार ऐसा भी हुआ होगा कि आप ऑफिस जाने की तैयारी करते हुए शर्ट व कुर्ते पर प्रेस कर रही हो और आपकी प्रेस खराब हो गई हो।  ऐसे में आप उस दिन अपनी मनचाही ड्रेस नहीं पहन पाती हैं और आपको मन मार कर कोई दूसरी ड्रेस पहननी पड़ती हैं।
 
यदि आपको किसी दिन कोई खास ड्रेस ही पहनने का मन हैं लेकिन प्रेस खराब होने की वजह से यदि आप उसे नहीं पहन सकती हैं तो आइए,  हम आपको एसी कुछ ट्रिक्स बताते हैं जिससे बिना प्रेस के भी आप अपने कपड़ों की सिलवटें मिटा सकती हैं। आइए, जानते हैं इन्हीं ट्रिक्स के बारे में - 
 
1. सिलवटों पर ब्लो ड्रायर कर लें :
इसके लिए सबसे पहले आप सिलवटों वाले कपड़े को एक जगह पर बिछा दें। अब इस पर थोड़ी दूरी से ब्लो ड्रायर करें। ऐसा करने से आपकी ड्रेस की सिलवटें मिट जाएंगी।
 
2. सिरका इस्तेमाल करें :
इसके लिए आप पानी में सिरका डालकर अच्छे से मिला लें। अब इस पानी से कपड़ा गीला करें और सुखने के लिए रख दें।
 
3. तौलिया का इस्तेमाल करें :
इसके लिए आप कपड़े को साफ टेबल पर बिछा दें। अब कपड़े पर गीला तौलिया रखकर धीरे-धीरे दवाएं। ऐसा करने से भी कपड़े की सिलवटें दूर हो जाएंगी।

ALSO READ: कम उम्र में ही सफेद दाढ़ी से शर्मिंदा होना पड़ता है? तो आजमाएं ये 6 उपाय
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

रानी अहिल्याबाई के पति की मौत कैसे हुई थी?

लोकमाता देवी अहिल्याबाईः सुशासन और महिला स्वावलंबन की प्रणेता

ट्रंप क्यों नहीं चाहते Apple अपने प्रोडक्ट भारत में बनाए?

क्यों पद्मश्री से नवाजे गए ब्राजील के वेदांत आचार्य जोनास मसेट्टी? जानिए एक विदेशी आचार्य की प्रेरणादायक कहानी

जैव विविधता पर कविता : मैं अब भी प्रतीक्षा में हूं

अगला लेख