how to avoid diabetes: हर साल 27 जून को विश्व मधुमेह जागरूकता दिवस (World Diabetes Awareness Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य है लोगों को मधुमेह यानी डायबिटीज के बढ़ते खतरे के प्रति जागरूक बनाना और यह समझाना कि यह बीमारी सिर्फ शुगर बढ़ने तक सीमित नहीं रहती, यह आपके पूरे जीवन, शरीर और मन को प्रभावित कर सकती है। अक्सर लोग यह सोचते हैं कि जब तक उन्हें डायबिटीज नहीं है, तब तक उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन सच्चाई यह है कि यह बीमारी धीरे-धीरे शरीर में पनपती है और जब तक लक्षण दिखते हैं, तब तक काफी नुकसान हो चुका होता है।
इसलिए डायबिटीज से बचाव की तैयारी उसी दिन से शुरू हो जानी चाहिए जब शरीर पूरी तरह स्वस्थ हो। खासकर जिन्हें डायबिटीज नहीं है, उन्हें कुछ अहम सावधानियों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना बेहद जरूरी है, ताकि भविष्य में इस बीमारी का खतरा न्यूनतम रहे। आइए जानते हैं वो 7 जरूरी सावधानियां जिन्हें आज ही अपनाकर आप इस गंभीर बीमारी से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।
1. सुस्ती नहीं, एक्टिव रहना है जरूरी
डायबिटीज से बचाव का पहला और सबसे असरदार तरीका है शारीरिक गतिविधियों को दिनचर्या में शामिल करना। रोजाना कम से कम 30 से 45 मिनट की वॉक, योग, स्ट्रेचिंग, या कार्डियो एक्सरसाइज से ब्लड शुगर लेवल संतुलित रहता है। बैठकर काम करने वालों के लिए यह और भी ज़रूरी हो जाता है क्योंकि लंबे समय तक निष्क्रिय रहना इंसुलिन रेसिस्टेंस का कारण बन सकता है।
2.सिर्फ स्वाद नहीं, सेहत भी जरूरी है
डायबिटीज का सबसे बड़ा दुश्मन है अनहेल्दी डाइट। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट, मीठे पेय, पैकेज्ड स्नैक्स, और फास्ट फूड ब्लड शुगर को असंतुलित करते हैं। कोशिश करें कि आपकी थाली में फाइबर, प्रोटीन, साबुत अनाज, हरी सब्जियां, और फल शामिल हों। साथ ही, खाना समय पर और सीमित मात्रा में खाना चाहिए, ओवरईटिंग से इंसुलिन का संतुलन बिगड़ सकता है।
3. मोटापा है डायबिटीज का गेटवे
अगर आप ओवरवेट हैं, तो आपको डायबिटीज का खतरा दूसरों की तुलना में दोगुना होता है। खासकर पेट के आसपास जमा चर्बी यानी “बेली फैट” इंसुलिन रेसिस्टेंस का कारण बनती है। इसलिए वजन को नियंत्रित रखना जरूरी है। हल्की-फुल्की दिनचर्या की आदतें जैसे लिफ्ट के बजाय सीढ़ी लेना, पैदल चलना और घर के कामों में एक्टिव रहना भी वजन कम करने में मददगार साबित होते हैं।
4. तनाव पर नियंत्रण
लगातार तनाव रहना डायबिटीज के लिए एक छुपा हुआ खतरा है। तनाव के दौरान शरीर 'कॉर्टिसोल' नामक हार्मोन छोड़ता है, जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। मानसिक तनाव इंसुलिन की प्रभावशीलता को कम करता है और शरीर में सूजन बढ़ा सकता है। मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग, प्रकृति के संपर्क में आना या कोई क्रिएटिव हॉबी अपनाना इस समस्या से बचा सकता है।
5. नियमित हेल्थ चेकअप
भले ही आपको डायबिटीज नहीं है, फिर भी साल में एक बार ब्लड शुगर टेस्ट, HbA1c, और फास्टिंग ग्लूकोज टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। इससे अगर कोई शुरुआती संकेत हों तो उन्हें समय रहते पकड़कर कंट्रोल करना आसान हो जाता है। साथ ही परिवार में किसी को डायबिटीज हो तो आपको और भी सतर्क रहने की जरूरत है।
6. शरीर का रिचार्ज बटन है अच्छी नींद
कम सोना या अनियमित नींद की आदतें मेटाबॉलिज्म को बिगाड़ सकती हैं और शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस पैदा कर सकती हैं। एक वयस्क को प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की गहरी नींद लेनी चाहिए। मोबाइल या लैपटॉप पर देर रात तक स्क्रीन स्क्रॉल करना, देर से सोना, और बार-बार नींद खुलना डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाता है।
7. मीठे का सीमित सेवन
बहुत अधिक शुगर युक्त भोजन जैसे कोल्ड ड्रिंक्स, मिठाइयां, केक, चॉकलेट और मीठी चाय को सीमित करना बेहद जरूरी है। चीनी की आदत धीरे-धीरे इंसुलिन की कार्यप्रणाली पर असर डालती है। यदि आप मीठा खाने के शौकीन हैं तो प्राकृतिक विकल्प जैसे गुड़, खजूर या शहद को सीमित मात्रा में चुन सकते हैं, लेकिन हर रोज नहीं।
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