गुलामी का अस्त-अस्त ! अँग्रेज सरकार पस्त-पस्त शहीदों का खून हममें समस्त ! वीर कुँवर सिंह, जिंदा है शहीद भगत अशफाक की आजादी का उमंग ! आजाद का आजाद वतन ! रामप्रसाद के जानो तन लगा देने का मिशन सुखदेव की सरफरोशी का जतन आजादी के दीवाने, आजादी के भक्त! हर हिन्दुस्तानी के दिल में हर दम हर वक्त 15 अगस्त - 15 अगस्त - 15 अगस्त
जय हिंद व्याख्या न मैंने यह कविता उन दिनों को मानकर अपने भारतवासियों के लिए लिखी है जो आजादी पा लेने को आतुर थे तथा यह समय 15 अगस्त के आसपास का रहा होगा।