स्वतंत्रता दिवस स्पेशल स्टोरी : लोकतंत्र चाहिए या तानाशाही?

अनिरुद्ध जोशी
सचमुच आजादी का दुरुपयोग ही कुछ लोगों को इस बात के लिए प्रेरित करता है कि तानाशाही होना जरूरी है। ऐसे लोग दक्षिणपंथी या वामपंथी भी हो सकते हैं। हर वर्ग में तानाशाही, कट्टरपंथी या तालिबानी सोच होती है। ये सभी लोग यह सोचते हैं कि सबकुछ हमारे हिसाब से ही तय होना चाहिए। सबकुछ कुछ लोग ही तय करेंगे तो फिर लोकतंत्र कहां रहेगा? फिर तो गुलामी ही रहेगी। वह गुलामी किसी अंग्रेज की हो या खुद को धर्मनिरपेक्ष कहे जाने वाले लोगों की हो, क्योंकि अच्छे शब्दों से कोई अपने भीतर के तानाशाह को छुपा जरूर सकता है परंतु सत्ता में जाकर वह वही कार्य करता है जो एक तानाशाह करता है, परंतु सभ्य तरीके से।
 
ALSO READ: 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस : क्यों हुआ पंजाब और बंगाल का विभाजन, सिंध को क्यों किया भारत से अलग?
एक दौर था जबकि ईसाई जगत में कट्टरता फैली हुई थी। उस दौर में सबकुछ चर्च ही तय करता था। उस दौर में कोई भी व्यक्ति चर्च या राज्य के खिलाफ सच या झूठ बोलने की हिम्मत नहीं कर सकता था। परंतु इस फ्रीडम ऑफ स्पीच के लिए कई लोगों को बलिदान देना पड़ा और तब जाकर ईसाई जगत को समझ में आया कि व्यक्तिगत स्वतं‍त्रता, मानवाधिकार और मनुष्‍य के विचार की रक्षा कितनी जरूरी है। उन्होंने धर्म से ज्यादा मानवाधिकार और लोकतंत्र को महत्व दिया।
 
 
गैलीलियो जैसे पूर्व के कई वैज्ञानिकों के बारे में उदाहरण दिया जा सकता है कि उस दौर में चर्च का किस तरह से कोप झेलना होता था। परंतु यह खुशी की बात है कि ईसाई जगत यह बात समझ गया और उन्होंने दुनिया को आधुनिक और सभ्य बनाने की दिशा में काम करना प्रारंभ किया। हालांकि आज भी ऐसे कई मुल्क है जो धार्मिक कानून को महत्व देते हैं और ईशनिंदा के सच्चे या झूठे आरोप लगाकर लोगों को मौत की सजा दे देते हैं। इन मुल्कों में फ्रीडम ऑफ स्पीच या लोकतंत्र के महत्व को लेकर कोई बहस नहीं होती है। यही हाल चीन और उत्तर कोरिया जैसे कम्युनिस्ट राष्ट्रों का भी है।
 
ALSO READ: 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस : जहांगीर के कारण भारत बना था अंग्रेजों का गुलाम
मध्‍यकाल में राजा और धर्म के बारे में अपने नकारात्मक विचार व्यक्त करना फांसी के फंदे पर झुलने जैसा था, जबकि राजा या धर्म के ठेकेदार यदि कुछ गलत कर रहे हैं तो उनकी आलोचना करना भी राज्य की जनता का कर्तव्य होता है। यह समस्या भारत में भी प्राचीन काल से रही है। चाणक्य के पिता चणक ने जब मगध के राजा को उसके दुराचारि होने की बात कही तो उनके सिर को काटकर चौराहे पर लटका दिया गया था।
 
जब से आधुनिक युग का प्रारंभ हुआ लोकतंत्र और मानवाधिकरों की रक्षा के विषय में भी तेजी से सोचा जाने लगा। लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बहुत ही जरूरी है फ्रीडम ऑफ स्पीच और अपने तरीके से जीवन जीने के अधिकार का होना। राजनीतिज्ञ यदि कुछ गलत करते हैं तो उनकी गलती के बारे में मौन रहना क्या अपने ही राज्य को कमजोर करना नहीं माना जाएगा?
 
ALSO READ: बंटवारे के वक्त की 10 मार्मिक त्रासदियां, रुला देंगी ये कहानियां
सकारात्मक आलोचना से ही लोकतंत्र निखरता है और कोई राज्य, राजा या धर्म मजबूत होता है। अमेरिका और योरपीय समाज का शक्तिशाली होना इस बात का सबूत है कि वहां पर फ्रीडम ऑफ स्पीच, मानवाधिकार और अपने तरीके से जीवन जीने की स्वतंत्रता को बहुत महत्व दिया गया जिसके चलते समाज प्रगतिशील और प्रयोगवादी बना। आज वहां का हर बच्चा विज्ञान व तकनीक के बारे में सोचता है जबकि अभी भी मध्यकाल में जी रहे राष्ट्र में से साइंस के एक भी नोबेले प्राइज को निकालना बहुत ही अचरज की बात होगी।
 
 
यदि विकासशिल देश मीडिया और सोशल मीडिया से घबराकर यह तय करने लगेंगे कि हमें 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' पर लगाम लगाना चाहिए तो आप शर्तिया यह मान लीजिये की मानव जाति रिवर्स गियर लगाना प्रारंभ कर देगी और आने वाले पचास वर्षों में हम मध्यकाल में होंगे। प्रत्येक व्यक्ति यह बात अच्छे से समझ लें कि विज्ञान ने हमें हर तरह से सुविधा, संपन्न और स्वतंत्र किया है परंतु धर्म के ठेकेदारों ने हमारी सोच को हमेशा ही संकुचित बनाए रखने का ही प्रयास किया है। बुद्धि के बड़े संघर्ष के बाद ही स्वतंत्र विचार को प्राप्त किया जा सकता है और दुनिया को सभ्य और समझदार बनाया है तो स्वतंत्र विचारकों ने भी बनाया है। हमें धर्म और अधर्म के फर्क को समझना होगा।
 
यह प्रत्येक व्यक्ति को समझना चाहिए कि वह 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' का दुरुपयोग नहीं करें क्योंकि यह स्वंत्रता सैंकड़ों वर्षों के बाद और सैंकड़ों लोगों के बलिदान के बाद प्राप्त हुई है। वह भी कुछ ही मुल्कों में है। इसकी कदर करें अन्यथा हम मध्यगुम में जीने के लिए मजबूर होंगे।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Chandrayaan-3 को लेकर ISRO का बड़ा खुलासा, क्या सच होगा आशियाने का सपना

Disha Salian Case से Maharashtra में सियासी भूचाल, अब नारायण राणे का बयान, उद्धव ठाकरे का 2 बार आया कॉल

Airlines ने लंदन हीथ्रो Airport पर फिर शुरू कीं उड़ानें, आग लगने से 18 घंटे बाधित था परिचालन

नागपुर हिंसा पर CM फडणवीस का नया बयान, दंगाइयों से होगी नुकसान की वसूली, नहीं चुकाने पर चलेगा बुलडोजर

Microsoft और Google को टक्कर देने की तैयारी में मोदी सरकार, बनाएगी Made in India वेब ब्राउजर

सभी देखें

नवीनतम

UP : मथुरा में होली पर दलितों को जबरन लगाया रंग, एक-दूसरे पर किया हमला, 42 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज

UP : मथुरा में महिला से दुष्‍कर्म, दोषी तांत्रिक को 10 साल की सजा

UP : नाबालिग छात्रा को अगवा कर किया दुष्कर्म, आरोपी शिक्षक गिरफ्तार

Farmers Protest : किसानों ने जलाए मुख्यमंत्री भगवंत मान के पुतले, शंभू और खनौरी बॉर्डर से हटाए जाने का किया विरोध

LIVE : यशवंत वर्मा पर लगे आरोपों की जांच के लिए 3 सदस्यीय समिति का गठन

अगला लेख