नील नदी का उपहार : इजिप्ट

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इजिप्ट का नाम सुनते ही गीजा के पिरामिड आँखों के सामने घूमने लगते हैं, लेकिन हाल ही में मची राजनीतिक उथल-पुथल के चलते यह पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन चुका था। चलिए, आज मिस्र के बारे में जानते हैं।

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नील नदी का उपहार कहा जाने वाला मिस्र उत्तर-पूर्वी अफ्रीका का एक देश है, जिसका लगभग एक तिहाई भाग मरुस्थल है। मिस्र की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस देश का लिखित इतिहास ईसा पूर्व 5000 वर्ष से भी पहले का मिलता है। इजिप्ट अफ्रीका महाद्वीप का दूसरा सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है।

मिस्र का विस्तृत और समृद्घ साहित्य यहाँ की संस्कृति और अरबी का महत्वपूर्ण अंग है। अरबी साहित्य में आधुनिक शैली के प्रयोगों की शुरुआत मिस्र के उपन्यासकार और कवियों ने ही की थी। उनके द्वारा विकसित लेखन शैली का आगे चलकर काफी अनुसरण किया गया।

मिस्र का कुल कृषि क्षेत्र नील नदी के डेल्टा वाला भाग है, जिसे निचला मिस्र कहते हैं। यहाँ की मुख्य फसलें हैं - कपास, प्याज, आलू, गेहूँ, मक्का, ज्वार-बाजरा, चावल, गन्ना और विभिन्न फल। मिस्र 'लीग ऑफ अरब स्टेट्स' का सदस्य है। यदि इजिप्ट में नील नदी नहीं होती तो यह पूरा देश एक मरुस्थल ही होता, इसलिए मिस्र को नील नदी का उपहार कहा जाता है।

यहाँ पूरे सालभर में सिर्फ एक इंच बरसात ही होती है, लेकिन फिर भी हर गर्मी के मौसम में नील नदी का पानी बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि दक्षिण की ओर नील नदी के सुदूर स्रोत इथिओपिया में इस समय बारिश होती है। इससे नील का पानी बढ़ता है और बाढ़ का पानी नदी की घाटी में भर जाता है। इससे मिले सेडिमेंट्स पेड़-पौधों और फसलों के बढ़ने के लिए सहायक होते हैं।

मिस्र को दो भागों में बाँटा जाता है- दक्षिण में ऊपरी मिस्त्र और उत्तर में निचला मिस्त्र। इन भागों के नाम इस प्रकार से रखे गए हैं, क्योंकि नील दक्षिण से उत्तर की ओर बहती है। यह भूमध्य सागर में जाकर मिलती है।

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करीब 3100 ई.पू. ऊपरी और निचले मिस्त्र का साम्राज्य 'फैरो' कहलाने वाले शक्तिशाली राजाओं के अधीन संगठित था। इन राजाओं ने ही यहाँ विशाल पिरामिड, मंदिर और अन्य महत्वपूर्ण स्मारक बनवाए थे। 1000 ई.पू. तक मिस्त्र कई छोटे-छोटे हिस्सों में बँट गया था और फैरो का साम्राज्य खत्म होता जा रहा था। इस समय शक्तिशाली पड़ोसी राज्य ने मिस्त्र पर हमला करके यहाँ शासन किया। 31 ई.पू. में मिस्त्र में रोमन शासक आए।

640 ईस्वी में यहाँ मुस्लिम और कई सदियों तक राज्य किया। उन्होंने आधुनिक राजधानी काहिरा स्थापित की। 1882 में ब्रिटेन ने मिस्त्र पर हमला करके इस पर कब्जा कर लिया। ब्रिटिश स्विज कैनल पर नियंत्रण चाहते थे, जो भूमध्यसागर और 'रेड सी' को जोड़ती है। इससे एशिया से यूरोप तक की जलयात्रा काफी छोटी हो जाती है। यहाँ ब्रिटिश शासन का अंत 1922 में हुआ। 1953 में यह गणतंत्र देश बन गया।

इजिप्ट अरब क्षेत्र का काफी प्रभावशाली देश है। यहाँ बड़ी संख्या में सैलानी विश्वभर से प्राचीन स्मारक देखने आते हैं। मिस्त्र की 90 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है और यहाँ समाज इस्लाम का वर्चस्व है। मिस्र में तेजी से बढ़ती जनसंख्या चिंता का विषय है। यहाँ की आधी से अधिक जनसंख्या 20 वर्ष से कम की है। मई 1998 में यहाँ काहिरा में जी-15 देशों का सम्मेलन हुआ था।

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