रसभरे दीये

अभिप्रिया जैन

Webdunia
सामग्री :
500 ग्राम मध्यम आकार के आलू, 300 ग्राम शक्कर, 50 ग्राम मखाने, एक बड़ा चम्मच कटा काजू, आधा लीटर दूध, आधा कप क्रीम, थोड़ी सी केसर, एक बड़ा चम्मच छिले चिलगोजे, आधा छोटा चम्मच इलायची पावडर, कुछ साबुत बादाम, खोपरे का रंगीन-सफेद चूरा व घी।

विधि :
आलू को धोकर छीलकर बराबर के दो टुकड़े करें। तेज चाकू से अंदर का आलू इस तरह निकालें कि बचा हुआ हिस्सा दीये जैसा रह जाए। उबलते पानी में इन दीयों को थोड़ा नरम होने तक पका लें, निकालकर छलनी पर रख दें ताकि पानी निकल जाए।

शक्कर की एक तार की चाशनी बनाकर केसर डालें। उबले दीयों को चाशनी में डालकर आधे घंटे के लिए रख दें। अब निकालकर छलनी पर इन्हें उल्टा रख दें ताकि बची चाशनी निकल जाए।

मखानों को दरदरा करके घी में भून लें। गर्म दूध में मखाने डालकर कम आँच पर पकने दें। मखाने मुलायम होने पर आलू से बची चाशनी व काजू डाल दें, उबलने दें। मिश्रण क्रीम जैसा होने पर इलायची और क्रीम डालकर उतार लें।

एक कम गहरी प्याली में खोपरे के रंगीन बूरे से डिजाइन बनाकर दीयों को जमाएँ। हर दीये पर केसर की बिंदी लगाकर मखाना-क्रीम भर दें। बीच में बादाम, चिलगोजा दबा दें।

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

सावन माह में क्या खाएं और क्या नहीं?

वेट लॉस में बहुत इफेक्टिव है पिरामिड वॉक, जानिए चौंकाने वाले फायदे और इसे करने का तरीका

सावन में रचाएं भोलेनाथ की भक्ति से भरी ये खास और सुंदर मेहंदी डिजाइंस, देखकर हर कोई करेगा तारीफ

ऑफिस में नींद आ रही है? जानिए वो 5 जबरदस्त ट्रिक्स जो झटपट बना देंगी आपको अलर्ट और एक्टिव

सुबह उठते ही सीने में महसूस होता है भारीपन? जानिए कहीं हार्ट तो नहीं कर रहा सावधान

सभी देखें

नवीनतम

फाइबर से भरपूर ये 5 ब्रेकफास्ट ऑप्शंस जरूर करें ट्राई, जानिए फायदे

सावन में नॉनवेज छोड़ने से शरीर में आते हैं ये बदलाव, जानिए सेहत को मिलते हैं क्या फायदे

सावन में कढ़ी क्यों नहीं खाते? क्या है आयुर्वेदिक कारण? जानिए बेहतर विकल्प

हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं होता आइस बाथ, ट्रेंड के पीछे भागकर ना करें ऐसी गलती

विश्व जनसंख्या दिवस 2025: जानिए इतिहास, महत्व और इस वर्ष की थीम