Lord Jagannaths offering: पुरी के भगवान जगन्नाथ मंदिर में प्रतिदिन 56 भोग लगाए जाते हैं, और उनमें से एक अत्यंत प्रिय और महत्वपूर्ण भोग है खिचड़ी। यह केवल एक व्यंजन नहीं, बल्कि भक्तों की श्रद्धा और भगवान के प्रति प्रेम का प्रतीक है। विशेष रूप से कर्माबाई की कहानी जगन्नाथ जी को खिचड़ी के भोग से जोड़ती है, जहां भगवान स्वयं एक वृद्धा भक्त की सरल खिचड़ी का सेवन करने आते थे।
जगन्नाथ जी की खिचड़ी भोग की विशेषता यह है कि यह बिना प्याज और लहसुन के बनाई जाती है और इसमें सात्विक सामग्री का उपयोग होता है। इसे आमतौर पर गोबिंदोभोग चावल और मूंग दाल से बनाया जाता है, साथ में कुछ खास मसाले और शुद्ध घी का इस्तेमाल होता है।
यहां भगवान जगन्नाथ के लिए खिचड़ी भोग बनाने की सरल और स्वादिष्ट विधि दी गई है...
भगवान जगन्नाथ का खिचड़ी भोग बनाने की विधि: यह खिचड़ी मीठी या नमकीन, दोनों तरह से बनाई जा सकती है। पुरी में नमकीन खिचड़ी का भोग ज़्यादा प्रचलित है। हम यहां नमकीन, सात्विक खिचड़ी की विधि बता रहे हैं।
सामग्री:
- चावल: 1 कप गोबिंदोभोग चावल या बासमती चावल का छोटा दाना, जो थोड़ा चिपचिपा बनता हो।
- दाल: 1/2 कप पीली मूंग दाल (धुली हुई)
- घी: 2-3 बड़े चम्मच (शुद्ध गाय का घी)
- अदरक: 1 इंच का टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ या बारीक पेस्ट)
- हरी मिर्च: 1-2 (बारीक कटी हुई, स्वादानुसार) - वैकल्पिक
- करी पत्ता: 8-10 पत्ते (वैकल्पिक, पर स्वाद बढ़ाता है)
- जीरा: 1 छोटा चम्मच
- हल्दी पाउडर: 1/2 छोटा चम्मच
- काली मिर्च पाउडर: 1/2 छोटा चम्मच (यह स्वाद और पाचन दोनों के लिए अच्छा है)
- नारियल: 1/4 कप कद्दूकस किया हुआ ताजा नारियल (यह पुरी की खिचड़ी का एक महत्वपूर्ण अंग है)
- नमक: स्वादानुसार (सेंधा नमक का उपयोग करें यदि व्रत के लिए बना रहे हों)
- पानी: 4-5 कप (या आवश्यकतानुसार, चावल और दाल की गुणवत्ता पर निर्भर करता है)
- तुलसी दल: भोग लगाते समय कुछ पत्ते।
बनाने की विधि:
1. चावल और दाल तैयार करें:
- चावल और मूंग दाल को अच्छी तरह धोकर अलग-अलग रखें। आप चाहें तो इन्हें 15-20 मिनट के लिए भिगो भी सकते हैं, इससे पकने में कम समय लगेगा।
2. दाल को हल्का भूनें:
- एक भारी तले की कढ़ाई या पैन गरम करें। इसमें मूंग दाल को धीमी आंच पर हल्का सुनहरा होने तक (बिना घी या तेल के) भून लें। इससे खिचड़ी में एक अच्छी सुगंध आती है और यह पेट में गैस नहीं करती। भुनी हुई दाल को एक प्लेट में निकाल लें।
3. तड़का तैयार करें:
- उसी कढ़ाई या प्रेशर कुकर में घी गरम करें।
- घी गरम होने पर जीरा डालें। जब जीरा चटकने लगे तो करी पत्ता और हरी मिर्च (यदि उपयोग कर रहे हैं) डालें।
- अब कद्दूकस किया हुआ अदरक डालकर 30 सेकंड के लिए भूनें, जब तक कि कच्ची महक न चली जाए।
4. चावल और दाल डालें:
- कढ़ाई में धोए हुए चावल और भुनी हुई मूंग दाल डालें।
- इन्हें धीमी आंच पर 2-3 मिनट के लिए भूनें, ताकि घी मसालों के साथ चावल और दाल में मिल जाए।
5. मसाले और पानी:
- अब हल्दी पाउडर, काली मिर्च पाउडर और नमक स्वादानुसार डालें। अच्छी तरह मिलाएं।
- पानी डालें। पानी की मात्रा चावल और दाल की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। आमतौर पर 1 कप चावल और 1/2 कप दाल के लिए 4-5 कप पानी की आवश्यकता होती है, ताकि खिचड़ी थोड़ी नरम और भोग जैसी बने।
- अच्छी तरह हिलाएं और उबाल आने दें।
6. पकाना:
- प्रेशर कुकर में: उबाल आने के बाद कुकर का ढक्कन लगा दें और मध्यम आंच पर 2-3 सीटी आने तक पकाएं। आंच बंद कर दें और कुकर को अपने आप ठंडा होने दें।
- कढ़ाई/पैन में: अगर आप कढ़ाई में बना रहे हैं, तो उबाल आने के बाद आंच धीमी कर दें, ढक्कन लगाकर तब तक पकाएं जब तक चावल और दाल अच्छी तरह पक न जाएं और पानी सोख न लें। बीच-बीच में चलाते रहें ताकि नीचे न लगे और ज़रूरत पड़ने पर थोड़ा गर्म पानी मिला सकते हैं।
7. ताजा नारियल :
- जब खिचड़ी लगभग 90% पक जाए, तो इसमें कद्दूकस किया हुआ ताजा नारियल डालें। अच्छी तरह मिलाएं और 5-10 मिनट तक धीमी आंच पर और पकाएं।
- खिचड़ी को थोड़ा नरम और भोग जैसा रखें।
8. भोग लगाना:
- गरमागरम खिचड़ी को एक साफ मिट्टी के बर्तन या किसी पवित्र कटोरे में निकालें।
- ऊपर से एक चम्मच शुद्ध देसी घी डालें।
- कुछ तुलसी दल (पत्ते) रखें।
- यह भगवान जगन्नाथ का पवित्र भोग अब अर्पित करने के लिए तैयार है।
इस विधि से बनाई गई खिचड़ी भगवान जगन्नाथ को प्रसन्न करती है और आपके घर में सुख-समृद्धि लाती है।
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