काव्य जगत लड़खड़ा गया

हास्य की भारतीय आत्मा देह त्याग गई

Webdunia
NDND
काव्य जगत लड़खड़ा गय ा
काव्य जगत की शीर्षस्थ दीवार थी ओम व्यास 'ओम' जो टूट गई, अब बचा ही क्या प्रतिक्रिया देने को। पहले ओमप्रकाश 'आदित्य' और अल्हड़ बीकानेरी के रूप में छत टूटी फिर नीरज पुरी के रूप में एक दीवार ढही और आज इस इमारत की एक और मजबूत दीवार गिर जाने से काव्य जगत लड़खड़ा गया।'
सुरेन्द्र शर्मा, विख्यात हास्य कव ि

हास्य की भारतीय आत्म ा
ओम के जाने से हास्य का एक संजीदा, जरूरी, अपनी ही तरह का इकलौता कवि चला गया। वो अपने आप में अनोखा ही कवि था जो शब्दों के साथ-साथ अपने रूप-स्वरूप से भी प्रसन्नता देता था। दरअसल उनकी निरीक्षण क्षमता बहुत पैनी थी। वे समाज के पतनशील मूल्यों को हँसी-हँसी में जिस तरह पेश करते थे, उसका कोई जवाब नहीं।

NDND
कभी-कभी तो हास्य कवि होते-होते वो अचानक शिक्षक हो जाते थे और बात-बात में सामाजिक-पारिवारिक सरोकारों से जुड़ी अनेक शिक्षाएँ दे जाते थे। वो बोलते थे तो लगता था कि विशुद्ध भारतीयता बोल रही है। पिछले कुछ समय में हँसी की फैक्टरी के कई कर्मचारी चले गए, देश के लिए ये कारखाना चलाना है इसलिए अब नए हास्य कवियों की जिम्मेदारी और बढ़ गई है।

मेरे साथ कई बार वे विदेश यात्रा पर गए। वहाँ खरीदारी करने निकलते और लगता था कि पैसों की कमी न होती तो सारे उज्जैन के लिए कुछ न कुछ खरीद लाते। सच कहूँ तो ओमजी के जाने से लगता है कि हास्य की भारतीय आत्मा देह त्याग गई।'
डॉ. अशोक चक्रधर
Show comments

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम और महत्व

05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस, जानें पर्यावरण संरक्षण पर 20 प्रेरणादायक और प्रभावी स्लोगन

पेट के लिए वरदान है जामुन, जानिए इसके चमत्कारी फायदे

सावधान! अधूरी नींद की वजह से खुद को ही खाने लगता है आपका दिमाग

पाकिस्तान में बेनाम सामूहिक कब्रों के पास बिलखती महिलाएं कौन हैं...?