क्यों चर्चा में है पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिन्दुओं का पवित्र शक्तिपीठ हिंगलाज माता मंदिर, जानिए पौराणिक महत्त्व

WD Feature Desk
सोमवार, 19 मई 2025 (14:58 IST)
hinglaj mata mandir balochistan : बलूचिस्तान के बीहड़ इलाके में दो सबसे प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर मौजूद हैं। इनमें से एक है हिंगलाज माता मंदिर और दूसरा कटास राज मंदिर है। बलूचिस्तान ने 16 मई को हिंगलाज माता मंदिर को लेकर एक बड़ी घोषणा की है। बलूचिस्तान का कहना है कि बलूचिस्तान और भारत एक ही हैं, उनके देवी-देवता हमारे भी देवी देवता हैं। हिंगलाज माता मंदिर वर्तमान में पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के लासबेला जिले में हिंगोल नदी के तट पर स्थित है। यह केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का केंद्र है, जिसे 51 शक्तिपीठों में से एक और हिंगलाज शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। आइये आज इस मंदिर से जुड़ी मान्यताओं और इसके पौराणिक महत्त्व के बारे में आपको जानकारी देते हैं।

हिंगलाज माता मंदिर से जुड़ी मान्यताएं 
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान शिव माता सती के शव को लेकर ब्रह्मांड में विचरण कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर के टुकड़े किए ताकि शिव का दुख शांत हो सके। जहां-जहां सती के अंग गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठों की स्थापना हुई। हिंगलाज वह पवित्र स्थान है जहाँ माता सती का मस्तक गिरा था। इसी कारण यह मंदिर अत्यंत पूजनीय है। इसे स्थानीय लोग 'हिंगलाज देवी' या 'नानी मां' के नाम से भी पुकारते हैं। 

हिंगलाज माता मंदिर का महत्त्व  
यह मंदिर हिंगोल नदी के किनारे, चारों ओर से बंजर लेकिन रहस्यमयी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इसकी प्राकृतिक छटा और धार्मिक महत्व इसे एक अद्वितीय आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करते हैं। विशेष रूप से सिंधी और बलूच हिंदू समुदायों में इस मंदिर का गहरा महत्व है।

हिंगलाज माता का प्राचीन गुफा मंदिर देश के उन कुछ हिंदू स्थलों में से एक है, जहां हर साल बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। यहां पाकिस्तान का सबसे बड़े हिंदू उत्सव हिंगलाज यात्रा मनाया जाता है। इस दौरान यहां 3 दिनों तक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। यहां आने वाले भक्त यहां मौजूद ज्वालामुखी के शिखर तक पहुंचने के लिए सैकड़ों सीढ़ियां चढ़ते हैं। भक्त यहां मौजूद गड्ढे में नारियल और फूल चढ़ाते हैं और हिंगलाज माता के दर्शन के लिए दैवीय अनुमति मांगते हैं। आपको बता दें कि मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में 44 लाख हिंदू रहते हैं, जो कि कुल जनसंख्या का सिर्फ 2.14 प्रतिशत है।

बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, जो खनिज संपदा से भरपूर है, लेकिन दशकों से यह एक अशांत क्षेत्र बना हुआ है। यहाँ के लोग अक्सर पाकिस्तानी सरकार से स्वायत्तता या पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करते रहे हैं। हाल के दिनों में भारत पाकिस्तान के बीच चल रहे विवाद के दौरान एक बार फिर इस बात ने जोर पकड़ा है। यही कारण है कि जब बलूचिस्तान की आजादी की बात होती है, तो करोड़ों हिन्दुओं के मन में हिंगलाज मंदिर के खुले द्वारों की आशा जागृत होती है।

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