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बाजीराव बल्लाल और उनकी पत्नी मस्तानी की रोचक कहानी

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WD Feature Desk

, सोमवार, 28 अप्रैल 2025 (12:09 IST)
कहा जाता है कि बाजीराव पेशवा की मृत्यु 28 अप्रैल 1740 को 39 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। उस समय वे इंदौर के पास खरगोन शहर में रुके थे। कुछ इतिहासकार कहते हैं कि बाजीराव का निधन मालवा में ही नर्मदा किनारे रावेरखेड़ी में लू लगने के कारण हुआ था। इसी दिन उनकी दूसरी पत्नी मस्तानी का भी निधन हो गया था।
 
बाजीराव की मस्तानी: मस्‍तानी के बारे में कहा जाता है कि वह बहुत ही सुंदर थीं। मस्‍तानी बुंदेलखंड के पन्‍ना राज्‍य के संस्थापक महाराजा छत्रसाल बुंदेला की बेटी थीं। उनकी मां रुहानी बाई हैदराबाद के निजाम के राज दरबार में नृत्‍यांगना थीं। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि मस्‍तानी को महाराजा छत्रसाल ने गोद लिया था। मस्‍तानी की परवरिश मध्‍य प्रदेश के छतरपुर जिले से 15 किमी दूर मऊ साहनिया में हुई थी। इस जगह पर मस्‍तानी के नाम पर एक मस्‍तानी महल भी बना हुआ है। मस्‍तानी को नृत्य के अलावा राजनीति, युद्धकला, तलवारबाजी और घर के कामों का पूरा प्रशिक्षण मिला हुआ था।
 
सन 1727-28 के दौरान महाराजा छत्रसाल के राज्‍य पर मुसलमान शासक मोहम्‍मद खान बंगश ने हमला बोल दिया था। खुद पर खतरा बढ़ता देख छत्रसाल ने बाजीराव से मदद की मांग की। बाजीराव ने छत्रसाल की मदद की और मोहम्‍मद बंगश से उनका साम्राज्‍य बचा लिया।
 
छत्रसाल, बाजीराव की मदद से बहुत प्रसन्न हुए और खुद को उनका कर्जदार समझने लगे। इस कर्ज को उतारने के लिए छत्रसाल ने बाजीराव से अपनी बेटी मस्‍तानी विवाह करने का प्रस्ताव रखा। हालांकि बाजीराव पहली ही नजर में मस्‍तानी को दिल दे बैठे थे। उन्होंने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। उन्‍होंने मस्‍तानी को अपनी दूसरी पत्‍नी बनाया। मस्‍तानी से पहले उनका विवाह काशीबाई नामक महिला हो चुका था।
 
हालांकि कुछ लोग यह भी मानते हैं कि मस्तानी हैदराबाद के निजाम की बेटी थीं। निजाम जब छत्रसाल से युद्ध हार गया तो उसने हार के बाद अपने राज्य को बचाने के लिए अपनी बेटी मस्तानी से विवाह करने की सलाह दी। उसका मकसद यह भी था जिसके चलते बुंदेलों का निजामों के साथ संबंध मजबूत हो जाता और इस तरह निजामों का भारत पर प्रभाव बड़ जाता। हालांकि कुछ लोग इस तथ्‍य को नहीं मानते उनके अनुसार वह न तो निजाम की बेटी थी और न ही छत्रसाल की बेटी थी वह तो छत्रसाल के दरबार में एक राजनर्तकी थी, जिस पर बाजीराव का दिल आ गया था। 
 
मस्तानी से विवाह के बाद बाजीराव और मस्तानी का एक बेटा हुआ, जिसका नाम शमशेर बहादुर (पेशवा) था। मस्तानी के लिए बाजीराव ने पुणे के कोथरुड में शाही महल भी बनवाया था। बताया जाता है कि शादी के बाद मस्तानी पुणे के ही शनिवारवाडा में रहती थीं। कहते हैं कि मस्‍तानी ने बाजीराव की मृत्‍यु के बाद जहर खाकर आत्‍महत्‍या कर ली थी। कुछ लोग कहते हैं कि उन्‍होंने अपनी अंगूठी में मौजूद जहर को पी लिया था। वहीं कुछ लोग मानते हैं कि वह बाजीराव की चिता में कूद कर सती हो गई थीं। उनकी मौत सन 1740 में बताई जाती है।

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