pralay in hindu purana: क्या दुनिया फिर एक महाप्रलय की ओर बढ़ रही है? यह सवाल इन दिनों तब और गहरा गया है जब प्रशांत महासागर के तटों पर लगातार ओरफिश (Oarfish) मिल रही हैं। इन रहस्यमय मछलियों को "डूम्सडे फिश" यानी मनहूस मछली भी कहा जाता है। 2011 में जब जापान में भयानक सुनामी आई थी, तब भी ये मछलियां बड़ी संख्या में देखी गई थीं। ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या इन घटनाओं का कोई संबंध है? हिंदू पुराणों में भी प्रलय और मछली का गहरा संबंध है।
हिंदू पुराणों में मछली और प्रलय की चेतावनी
हिंदू पुराणों में वर्णन है कि सृष्टि के प्रत्येक चक्र में एक महाप्रलय आता है, जो सब कुछ नष्ट कर देता है, ताकि नए सिरे से जीवन का आरंभ हो सके। मनुस्मृति के अनुसार, मनु पहले ऐसे मनुष्य थे जिन्होंने मानव जाति को दिशा दी थी और अपने अनुयायियों के साथ मिलकर पहली बार समाज के नियम बनाए थे।
मनु गाथा में भयंकर महाप्रलय का जिक्र है। यह ऐसा प्रलय था जब समस्त जीवन नष्ट हो गया था। कथा के अनुसार, एक दिन मनु अपने तपस्वी जीवन में व्यस्त थे। तभी उन्हें एक विशाल मछली ने चेतावनी दी कि बहुत जल्द एक विनाशकारी बाढ़ आ सकती है। प्रलय आने से पहले भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया और मनु से कहा कि एक विशेष नाव का निर्माण करें। इसके बाद जब बाढ़ आई तो भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार में उस नाव को अपने सींग से पकड़ लिया और मनु को समुद्र के बीच सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। जब यह बाढ़ आई तो पूरी पृथ्वी नष्ट हो गई थी। इसके बाद, मनु ने अपने अनुयायियों के साथ मिलकर एक नए युग की शुरुआत की थी।
ओरफिश और प्रलय का संकेत
ओरफिश, जिन्हें समुद्री नाग या रिबन फिश भी कहते हैं, गहरे समुद्र में रहने वाली दुर्लभ मछलियां हैं। इनका सतह पर आना एक असामान्य घटना है। वैज्ञानिक इसे समुद्री धाराओं में बदलाव या भूकंपीय गतिविधियों से जोड़ते हैं। हालांकि, लोककथाओं और कुछ संस्कृतियों में, विशेष रूप से जापान में, इन मछलियों का दिखना भूकंप या सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं का अग्रदूत माना जाता है। इसी कारण इन्हें 'डूम्सडे फिश' कहा जाता है। 2011 की सुनामी के पहले ये मछली दिखाई दी थी।
क्या ये सिर्फ संयोग है?
हिंदू धर्म की मान्यताओं को देखें और वर्तमान में लगातार मिल रही ओरफिश की घटनाओं को जोड़ें तो यह सोचना स्वाभाविक है कि क्या हम किसी बड़े परिवर्तन के मुहाने पर खड़े हैं। क्या ये प्रकृति के संकेत हैं जो हमें किसी आने वाली विपत्ति के लिए आगाह कर रहे हैं? निश्चित रूप से, इन घटनाओं का कोई सीधा वैज्ञानिक संबंध अभी तक स्थापित नहीं हुआ है। लेकिन, इतिहास और मान्यताओं का यह मेल हमें सोचने पर जरूर मजबूर करता है।
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