कुंभ का तीसरा दुर्लभ शाही स्नान

- महेश पाण्डे

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कुंभनगरी में चैत्र पूर्णिमा पर हो रहे शाही स्नान के दिन हनुमान जयंती का योग भी इस स्नान को दुर्लभ बना रहा है। इस मौके पर सभी तेरह अखाड़े पहली बार स्नान करेंगे। हालाँकि यह चैत्र पूर्णिमा करना बैरागी अखाड़ों का ही होता है, लेकिन इस बार संन्यासी अखाड़ों के चार-चार प्रतिनिधि भी इसमें प्रतीकात्मक रूप से भाग लेकर इसे भव्यता प्रदान करेंगे।

प्रशासन ने शहर में भारी वाहनों का प्रवेश तो सोमवार दोपहर से ही प्रतिबंधित कर दिया। महाकालेश्वर सदन में भोपतवाला के पास बने एक आश्रम में आज ज्योति गिरी महाराज ने हजारों श्रद्घालुओं की उपस्थिति में तमाम धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्न कराए।

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शाही स्नान की तीसरी सर्वाधिक प्रतीक्षित घड़ी के बाद कुम्भनगरी महिला संतों के सम्मेलन के लिए भी तैयार है। जूना अखाड़ा की माईवाड़े की साध्वी मैत्रेयी गिरी ने यह सम्मेलन का संयोजन सम्भाला है। महामण्डलेश्वर नगर में प्रस्तावित यह सम्मेलन 1 अप्रैल से 3 अप्रैल तक चलेगा।

इसके अलावा साध्वी परिषद् भी एक सम्मेलन शंकराचार्य द्वीप पर करा रही है। अखिल भारतीय माईबाड़े की साध्वी एवं अध्यक्षा माँ चंद्रकांता सरस्वती ने भी एक महिला सम्मेलन की तैयारी शुरू कर दी है। ये सभी सम्मेलन चौथे शाही स्नान तक हो जाएँगे। कुंभ क्षेत्र में तांत्रिक चंद्रास्वामी परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में पहुँचे तो उन्होंने धार्मिक मुद्दों पर राजनीति न करने की सीख संत समाज को दे डाली।

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