कुंभ में महंत ज्ञानदास को हटाने के लिए विवाद

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महंत ज्ञानदास के मामले में वैष्णव अखाड़ों ने दावा किया है कि तीनों अणी अखाड़ों के साथ 18 वैष्णव अखाड़े भी अब इसमें शामिल हो गए हैं। जूना अखाड़ा पहले ही उनके साथ है। इसके साथ ही एक वैष्णव अखाड़ा परिषद का भी गठन किया जाएगा। इसके चलते महंत ज्ञानदास को हटाने के मसले पर विवाद बढ़ गया है।

गौरतलब है कि महंत ज्ञानदास अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष हैं। अगर अखाड़ा परिषद के अंदर जोड़तोड़ की राजनीति की जाती है तो तीनों अणी के 18 अखाड़ों को मिलाकर बहुमत साबित हो जाएगा।

निर्मोही अणी अखाड़े के महंत राजेन्द्र दास और महंत रमाकांत दास ने संयुक्त रूप से कहा कि महंत ज्ञानदास को 2004 के उज्जैन कुंभ में वैष्णव, संन्यासी और उदासी अखाड़ों ने मिलकर सर्वसम्मति से अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष बनाया था। उस समय ये भी तय किया गया था कि अध्यक्ष को सबकी सहमति से हटाया जाएगा।

महंत राजेन्द्र दास ने जूना, अग्नि और आवाहन अखाड़े का सहमति पत्र भी दिखाया। उन्होंने कहा कि इन तीन शैव अखाड़ों के साथ निर्मोही, निर्वाणी और दिगंबर अणी अखाड़े भी हैं। लेकिन छह अखाड़ों के साथ 18 वैष्णव अखाड़ों को जोड़ दिया जाए तो 24 अखाड़े हो जाएंगे।
- एजेंसी
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