कुंभ मेले में गंगा पर नजर रखेंगी सैटेलाइट मशीनें...

गंगा के प्रदूषण पर हर मिनट रहेगी नजर...

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* कुंभ मेले के दौरान गंगा प्रदूषण पर अंतरिक्ष से रखी जाएगी नजर

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उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद में 14 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ के दौरान मोक्षदायिनी गंगा के प्रदूषण पर अंतरिक्ष से पैनी नजर रखी जाएगी। गंगा के प्रदूषण और गंगा जल की स्वच्छता पर हर मिनट सैटेलाइट की नजर रहेगी।

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस कार्य के लिए इलाहाबाद के मेला क्षेत्र तथा समीप में छह स्थानों पर उच्च स्तरीय मशीने लगाई हैं जिनके जरिए गंगाजल की स्वच्छता पर लगातार पैनी नजर रखी जाएगी।

गंगा नदी से जोडी़ गई यह मशीनें हर एक मिनट पर गंगा के पानी की गुणवत्ता की छानबीन कर इसका रिकार्ड सैटेलाइट से लिंक करेंगी। यह रिकार्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कुंभ मेले की कई वेबसाइट पर ऑनलाइन रहेगा, जिसे कोई भी घर बैठें अपने कम्प्यूटर या मोबाइल फोन पर देख सकेगा।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि इस तकनीक ने कुंभ मेले में गंगा के प्रदूषण पर लगाम लगाने में जहां एक तरफ काफी मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर मेले में आने वाले साधु-संतों ने भी इसे एक सार्थक प्रयास बताया है।

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ज्यादातर उच्च स्तरीय अनुश्रवण मशीने अलग-अलग पुलों पर लगाई गई हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक मनीष त्रिपाठी के मुताबिक मशीनें हर एक मिनट पर गंगा की धारा का नमूना लेकर उसकी गुणवत्ता की जांच करेगी और उस रिकार्ड को सीधे सैटेलाइट से जोड़ देगी।

सैटेलाइट गंगाजल की गुणवत्ता के रिकार्ड को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ ही उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कुंभ मेले की वेबसाइट पर ऑनलाइन दिखाता रहेगा।

इस रिकार्ड को बोर्ड और कुंभ मेले के अधिकारी तो देखेंगे ही, साथ ही साधु-संतों से लेकर कोई भी आम नागरिक वेबसाइट्स के जरिए इन्हें घर बैठे अपने कम्प्यूटर और मोबाइल फोन पर देख सकेगा। यह मशीनें खास कुंभ मेले के लिए विदेश से मंगाई गई है। कुंभ मेले के बाद इन मशीनों को दूसरे शहरों और नदियों में लगाया जाएगा।

कुंभ और माघ के मेले में गंगाजल में प्रदूषण को लेकर हर बार हाय-तौबा मचती रही है। इस मशीन के आने से कुंभ मेले के अधिकारी भी बेहद उत्साहित हैं। उनका कहना है कि अभी तक गंगा जल का प्रदूषण सामान्य तरीके से परखा जाता था जिसमें न सिर्फ तीन से चार दिन लग जाते थे, बल्कि जांच रिपोर्ट पर भी अक्सर सवालिया निशान खडे़ किए जाते थे।

अपर कुंभ मेलाधिकारी आशुतोष द्विवेदी के मुताबिक अब वैज्ञानिक तरीके से मशीन के जरिए हर एक मिनट पर डाटा मिलने से गंगा के पानी की क्वॉलिटी को न सिर्फ बरकरार रखने के प्रयास किए जाएंगे बल्कि डाटा की सच्चाई को भी कोई नकार नहीं सकेगा।

सैटेलाइट के जरिए ऑनलाइन रिकार्ड मुहैया कराने वाली इस रियल टाइम वॉटर क्वॉलिटी मॉनीटरिंग मशीन की खूबियां मेले में आने वाले साधु-संतों को भी पसंद आ रही है।

टीकरमाफी आश्रम के महंत स्वामी हरि चैतन्य ब्रह्मचारी ने इस फैसले का स्वागत किया है और इसे एक सार्थक प्रयास भी बताया है। कुंभ मेले के लिए लगाई गई इन मशीनों की जांच हो चुकी है।

पिछले कई दिनों से यह लगातार हर मिनट पर गंगा के पानी की गुणवत्ता को परख भी रही है लेकिन इसके रिकार्ड बीस दिसंबर के बाद से ही वेबसाइट्स पर ऑनलाइन किए जाएंगे क्योंकि कुंभ मेले के लिए नरौरा से बीस दिसंबर से ही गंगा में पानी छोडा़ जाना है। (वार्ता)

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