चतुष्पद की मांग : हालांकि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने कुंभ क्षेत्र में चतुष्पद बनाए जाने की मांग कर रखी है। उनका मानना है कि इसमें चार शंकराचार्यो को बसाया जाए जिससे लोगों को यह जानकारी हो सके कि कौन शंकराचार्य असली हैं। उनकी इस मांग पर बखेड़ा हो चुका है।
सनातन धर्म संरक्षण समिति : सनातन धर्म संरक्षण समिति ने यहां शास्त्रार्थ की व्यवस्था कर रखी थी। सनातन धर्म संरक्षण समिति ने सभी शंकराचार्यो को यहां आमंत्रित किया था। इसे लेकर पिछले दिनों उन्होंने काशी में विद्वत परिषद के सामने असली और नकली शंकराचार्य के मसले पर शास्त्रार्थ की बात कही थी।
सनातन धर्म संरक्षण समिति संयोजक ओंकारनाथ त्रिपाठी हैं। गठित समिति में तीर्थ पुरोहित महासभा के विधि संयोजक मधु चकहा, त्रिवेणी कल्याण महासमिति के अध्यक्ष फूलचंद्र दुबे, तुलसी साहित्य दर्शन केंद्र श्रृंगवेरपुर के सचिव संजीव पाण्डेय, अखिल भारतीय ब्राह्मण समाजोत्थान समिति के अध्यक्ष डॉ.अनिल कुमार त्रिपाठी, हनुमत संस्कृत विद्यालय धर्मार्थ समिति के शेषचंद्र शुक्ला, विजय कुमार, विक्रम निषाद, अशोक आदि शामिल हैं।
आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चारों पीठों में से 1.गोवर्धन पुरी के स्वामी निश्चलानंद सरस्वती, 2.श्रृंगेरीपीठ के शंकराचार्य भारती तीर्थ, 3.शारदापीठ द्वारिका और 4.ज्योतिष पीठ बद्रिकाश्रम के स्वामी स्वरूपानंद महाराज को भूमि आवंटित की गई है।
कुंभ मेला प्रशासन अनुसार आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार शंकराचार्यो को ही मान्यता है। अन्य जो भी शंकराचार्य की पदवी धारण किए हुए हैं, वह फर्जी है। (एजेंसियां)