अगर नहीं जा सकते कुंभ मेले में, तो क्या करें?

Webdunia
WD
प्रयागे माघ पर्यन्त त्रिवेणी संगमे शुभे।
निवासः पुण्यशीलानां कल्पवासो हि कश्यते॥- (पद्‌मपुरण)

कुंभ में सभी लोग नहीं जा पाते हैं, लेकिन जाने का सोचते जरूर हैं। यह समय दान, जप, ध्यान और संयम का समय रहता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि कुंभ में जाए बगैर ही कैसे पुण्य लाभ कमाया जा सकता है?

कुंभ में इस वक्त कल्पवास चल रहा है। कुंभ में जहां स्नान करने का महत्व है वहीं कल्पवास में नियम-धरम का पालन करने का महत्व है। दूसरी ओर कुंभ में प्रवचन सुन कर, दान करके और पितरों के लिए तर्पण करके भी लोग पुण्य लाभ कमाते हैं। आप चाहें तो ये सब कुछ करके भी पुण्य लाभ कमा सकते हैं-

1. प्रतिदिन हल्दी मिले बेसन से स्नान करने के पश्चात्य सुबह-शाम संध्यावंदन करते समय भगवान विष्णु का ध्यान करें और निम्न मंत्र-क्रिया से स्वयं को पवित्र करें।

संध्यावंदन का मंत्र :
ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थांगतोऽपि वा।
यः स्मरेत पुण्डरीकांक्ष से बाह्याभ्यंतरः शुचि।

इस मंत्र से आचमन करें-
ॐ केशवायनमः ॐ माधवाय नमः ॐ नाराणाय नमः का जाप करें।

हाथ में नारियल, पुष्प व द्रव्य लेकर यह मंत्र पढ़ें। इसके बाद आचमन करते हुए गणेश, गंगा, यमुना, सरस्वती, त्रिवेणी, माधव, वेणीमाधव और अक्षयवट की स्तुति करें।

2. जब तक कुंभ चल रहा हैं तब तक प्रतिदिन एक वक्त का सादा भोजन करें और मौन रहें।

2. आप किसी योग्य व्यक्ति को दान दे सकते हैं। दान में अन्यदान, वस्त्रदान, तुलादान, फलदान, तिल या तेलदान कर सकते हैं।

3. गाय, कुत्ते, पक्षी, कव्वा, चींटी और मछली को भोजन खिलाएं। गाय को खिलाने से घर की पीड़ा दूर होगी। कुत्ते को खिलाने से दुश्मन आपसे दूर रहेंगे। कव्वे को खिलाने से आपके पितृ प्रसन्न रहेंगे। पक्षी को खिलाने से व्यापार-नौकरी में लाभ होगा। चींटी को खिलाने से कर्ज समाप्त होगा और मछली को खिलाने से समृद्धि बढ़ेगी।

4. आप संकल्प लें- किसी किसी भी तरह के व्यवसन का सेवन नहीं करूंगा, क्रोध और द्वेष वश कोई कार्य नहीं करूंगा, बुरी संगत और कुवचनों का त्याग करूंगा और सदा माता-पिता व गुरु की सेवा करूंगा।

- वेबदुनिया संदर्भ

Show comments

क्या कर्मों का फल इसी जन्म में मिलता है या अगले जन्म में?

वैशाख अमावस्या का पौराणिक महत्व क्या है?

शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में होंगे वक्री, इन राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

घर के पूजा घर में सुबह और शाम को कितने बजे तक दीया जलाना चाहिए?

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Varuthini ekadashi 2024: वरुथिनी व्रत का क्या होता है अर्थ और क्या है महत्व