इलाहाबाद कुंभ मेला : प्रयाग में कल्पवास

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कल्पवास के संदर्भ में माना गया है कि कल्पवासी को इच्छित फल तो मिलता ही है, उसे जन्म जन्मांतर के बंधनों से मुक्ति मिल जाती है।

कल्पवास की अवधि : विधान के अनुसार एक रात्रि, तीन रात्रि, तीन महीना, छह महीना, छह वर्ष, 12 वर्ष या जीवन भर कल्पवास किया जा सकता है।

कल्पवास का विधान : त्रिवेणी तट पर पहुंच कर यह संकल्प लें कि कल्पवास की अवधि में बुरी संगत और कुवचनों का त्याग करेंगे।

कल्पवास की दिनचर्या : संतजनों ने कहा है कि कल्पवास के नियमों का पालन करने से मन व शरीर का कायाकल्प हो जाता है।

कल्पवास में दान : प्रयाग में जिन 84 दान का उल्लेख मिलता है, प्रत्येक कल्पवासी को उसका अनुपालन करना चाहिए।.

कल्पवास के उद्यापन की विधि : कलश पर सफेद वस्त्र रखकर उस पर स्वर्ण प्रतिमा रखें। प्रतिमा की पूजा करें और यह मंत्र पढ़ें।
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