जूना अखाड़े का पेशवाई जुलूस

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उत्तराखंड के हरिद्वार में शनिवार को महाकुंभ की पहली पेशवाई के रूप में जूना अखाड़े ने शक्ति प्रदर्शन कर भव्य जुलूस निकाला गया। महाकुंभ का सबसे बड़ा आकर्षण अखाड़ों का पेशवाई जुलूस होता है, जिसमें रथ और हाथी-घोड़ों पर बँधे सोने-चाँदी के सिंहासनों पर संत, महामंडलेश्वर अगुवाई करते हैं।

इस जुलूस में सैकड़ों रथों और हाथी-घोड़ों पर संत महामंडलेश्वर विराजमान थे। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच लगभग 11 बजे पेशवाई शुरू हुई। जूना अखाड़े की इस पेशवाई में बड़ी संख्या में नगा साधु भी मौजूद थे। पेशवाई को देखने और साधु-संतों पर फूलों की बौछार करने के लिए श्रद्धालु पहले ही एकत्र हो गए थे।

मेलाधिकारी आनंद वर्धन ने सर्वप्रथम पेशवाई का पुष्प मालाओं से स्वागत किया। जुलूस में सबसे आगे जूना अखाड़े के देवता आनंद भैरव का सिंहासन था और उसके पीछे भगवान दत्तात्रय का रथ था। इसके बाद आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद महाराज, पायलट बाबा सहित कई संतों के रथ थे। यह पूरा जुलूस 20 किमी लंबा था, जहाँ जगह-जगह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।

उल्लेखनीय है कि महाकुंभ मेले की शुरुआत 14 जनवरी से हुई थी, जिसका समापन 24 अप्रैल को बैसाख में शाही स्नान (14 अप्रैल) के बाद होगा। आने वाले दिनों में ग्यारह अन्य अखाड़े अपना जुलूस निकालेंगे।

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