पेशवाई में हुए हैरतअंगेज कतरब

- महेश पाण्डे

Webdunia
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कुंभ नगरी में शंभू पंचायती अटल अखाड़े की पेशवाई निकली। इस मौके पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदास ने प्राचीन शिव मंदिर से अखाड़े के साधुओं को छावनी के लिए विदा किया। अटल अखाड़े के रमता पंचों ने पूजा-अर्चना कर इस पेशवाई की शुरूआत की। पूरे नगर के मुख्य मार्गों से होकर छावनी तक पहुँची। इसमें गुरूकुल विश्वविद्यालय होते हुए पेशवाई सिंहद्वार कृष्णानगर कनखल से चौक बाजार होते हुए पहा़ड़ी बाजार के रास्ते अटल अखाड़े की छावनी में प्रविष्ट हुई।

पेशवाई की अगुवाई इस अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी शुकदेवानंद महाराज ने की। पेशवाई के स्वागत में मेला प्रशासन के अलावा शहर के लोग और देशभर से आए श्रद्घालु भी पलक पाँवड़े बिछाते दिखे। पेशवाई में चल रहे हजारों संत नागा साधु एवं अपने हैरतअंगेज करतब दिखाते बम बम भोले का शंखनाद करते दिखे।

पेशवाई के दौरान शहर का यातायात भी प्रभावित दिखा। एक तरफ तमाम अखाड़ों के पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार पेशवाई का कार्यक्रम चल रहा है तो दूसरी तरफ अटल अखा़ड़े ने आज अचानक पेशवाई का कार्यक्रम तय कर दिया। पहले 4 फरवरी के बाद 7 फरवरी को ही पेशवाई कार्यक्रम तय था। लेकिन कल देर रात अटल अखाड़े ने अपनी पेशवाई आज के लिए तय कर डाली ।

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पुलिस ने सेवा शपथ ली : कुंभ मेला प्रशासन ने ब्रहमकुण्ड हर की पैड़ी पर विधि-विधान से कुंभ पूजन कर गंगा जल हाथ में लेकर सेवा शपथ ली। शपथ माँ गंगा के संरक्षण, आने वाले श्रद्धालुओं व स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा के प्रति समर्पित रही। इस समारोह में मेला प्रशासन, गंगा सभा के संत तथा पुलिस व अर्द्धसैनिक बलों के जवानों ने शिरकत किया। आयोजन में जिला प्रशासन गायब रहा।

कुंभ मेला डीआईजी आलोक शर्मा ने महाकुंभ को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए अपने अधीनस्थ अधिकारियों व देशभर से आए दर्जन भर सुरक्षा बलों के कर्मियों को सेवा शपथ दिलाई। गंगा जल हाथ में ले डिप्टी, एसपी, सीओ, पुलिस व पीएससी के जवानों तथा अर्द्धसैनिक बलों के हजारों जवानों ने तन-मन से तीर्थ की मर्यादा, श्रद्धालुओं व स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा तथा गंगा संरक्षण की शपथ ली।

डीआईजी आलोक शर्मा ने कहा कि पुलिस द्वारा सेवा शपथ परंपरागत आयोजन है। इसकी शुरुआत 1977 के प्रयोग कुंभ में हाँ के तत्कालीन एसएसपी ने कराई थी। उन्होंने कहा कि पुलिस बल भावना प्रधान है तथा उन्हें तीर्थ की मर्यादा और भावनाओं से परिचित कराने के लिए ही उन्हें शपथ दिलाई गई। उन्होंने कहा कि माँ गंगा की गोद में आकर उन्होंने महाकुंभ पर्व को सकुशल सम्पन्न कराने का संकल्प लिया हैं।

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