प्रयाग कुंभ मेले में ब्रह्माकुमारी की झांकी

Webdunia
FILE
आश्चर्यजनक प्रस्तुतिकरण तथा मैत्री भाव वाले व्यक्तित्व ने हमारा अनुभव बहुत शिक्षा पूर्ण एवं प्रेरणास्पद बना दिया है। यह विचार हैं ऑस्ट्रेलिया निवासी युगल एल्ला और क्रूय के जो उन्होंने परमात्मशक्ति द्वारा आत्म जागृति आध्यात्मिक मेले के अवलोकन के बाद ब्रह्माकुमारीज द्वारा रखी गई आगुंतक पुस्तिका में अंकित किए है।

इसी प्रकार बर्लिन, जर्मनी निवासी रूसिया तथा एनियन ने भी विभिन्न मंडपों का अवलोकन करने के बाद अपना अनुभव प्रकट करते हुए आगुंतक पुस्तिका में लिखा है कि सत्य का प्रसार करने के लिए आपका धन्यवाद ईश्वर महान है, तथा आप भी। रशिया निवासी पति-पत्नि कोयनेसियन एवं जूलिया ने भी अपने अनुभव अंकित किए हैं कि 'बहुत दिलचस्प'।

आज सायंकाल चैतन्य देवियों की झांकी का द्वीप प्रज्जवलन द्वारा शुभारम्भ करते हुए श्रीगिरिनार आश्रम जूनागढ़ कर महिला संत सहजयोगिनी शैलजा माताजी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा यह परमात्म‍शक्ति आत्म जागृति का मेला है।

उन्होंने कहा कि यह 20 मिनट की झांकी देखने में जितनी सुखद है उतना ही निर्माण में कठिन है तथा इसका निर्माण बहिनों द्वारा ही सम्भव है। ब्रहमाकुमारी बहिनों द्वारा नारी शक्ति के आदि स्वरूप को अद्भुत चैतन्य देवियों के रूप में दर्शाकर बहुत सराहनीय कार्य किया है।

इस झांकी में मुझे बुलाने के लिए मैं ब्रह्माकुमारी बहिनों की आभारी हूं इससे पूर्व आपने मेले के विभिन्न मंडपों का अवलोकन करने के बाद कहा कि यदि मनुष्य में सकारात्मकता है तो वो आध्यात्मिकता की गहराईयों को प्राप्त कर सकता है। इस प्रकार यह मेला देशी-विदेशी सभी दर्शकों का आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।

- वेबदुनिया

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

क्या इस बार 2 दिन बंधेगी राखी? जानें कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन का शुभ पर्व

रक्षाबंधन, राखी पर शेयर करें ये 10 खूबसूरत संदेश

रक्षाबंधन पर भूलकर भी न दें बहनों को ये 7 गिफ्ट्स, वरना रिश्ते में आ सकती है दरार

रक्षाबंधन की तैयारियां: घर को सजाने से लेकर मिठाइयों तक

कितने दिनों बाद उतारनी चाहिए कलाई पर बंधी राखी? जानें पारंपरिक नियम

सभी देखें

धर्म संसार

08 अगस्त 2025 : आपका जन्मदिन

08 अगस्त 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

बुध का कर्क राशि में उदय, 5 राशियों को रहना होगा संभलकर

रक्षाबंधन के दिन गणेशजी को क्यों बांधते हैं सर्वप्रथम राखी? जानें कैसे बांधें?

सूर्य सिंह संक्रांति कब है, क्या है इसका महत्व, कर लें 5 अचूक उपाय