प्रयाग कुम्भ मेला 2013 : इलाहाबाद के बारे में जानिए

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उत्तर भारत के मध्य में स्थित प्रयाग ने हजारों वर्षों का सफर कर लोगों को ज्ञान, विज्ञान, दर्शन, कला, धर्म और संस्कृति की अमूल्य शिक्षा दी। आज इस प्रयाग को इलाहाबाद कहते हैं।

मुगल शासक अकबर ने लगभग 1583 में इसका नाम बदल कर इलाहाबाद कर दिया। यह एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ होता है अल्लाह द्वारा बसाया गया शहर। लेकिन इसे प्रयाग कहना ही उचित होगा, क्योंकि यह हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ स्थल है। मुगल काल में बहुत से ऐतिहासिक मंदिरों को तोड़कर उनका अस्तित्व मिटा दिया गया।

प्रयाग में हिंदुओं के बहुत सारे प्राचीन मंदिर और तीर्थ है। संगम तट पर जहां कुम्भ मेले का आयोजन होता है, वहीं यहां भारतद्वाज ऋषि का प्राचीन आश्रम भी है। इसे विष्णु की नगरी भी कहा जाता है और यहीं पर भगवान ब्रह्मा ने प्रथम यज्ञ किया था।

माना जाता है पवित्र गंगा और यमुना के मिलन स्थल के पास आर्यों ने प्रयाग तीर्थ की स्थापना की थी। अर्द्ध या आधा कुम्भ, हर छह वर्षों में संगम के तट पर आयोजित किया जाता है।
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