ऐसे थे स्वामी शिवानंदजी

Webdunia
- मनोज दुब े
स्वामी शिवानंदजी का जन्म 8 सितंबर 1887 को सूर्योदय के समय भरणी नक्षत्र में तमिलनाडु के पत्तमडै नामक स्थान में हुआ था।

तमिल भाषा में एक कहावत है- जो भरणी नक्षत्र में जन्म लेता है, वह सारे संसार पर शासन करता है।' माता-पिता ने उनका नाम कुप्पुस्वामी रखा था।

अध्ययन करने के बाद वे चिकित्सक बन गए और मलेशिया चले गए। वहाँ उन्हें कुछ ऐसी अनुभूतियाँ हुईं कि उन्हें लगने लगा कि उन्हें अध्यात्म की ओर बढ़ जाना चाहिए। अपनी माँ से आज्ञा लेकर वे पहले काशी और फिर ऋषिकेष आ गए। स्वामीजी के आरंभिक दिनों के साथी श्री राज गिरी स्वर्गाश्रम में उनकी तपस्या के बारे में खूब कहते हैं।

उनके मुताबिक स्वामीजी का प्रबल वैराग्य इस बात से परिलक्षित होता है कि उन्होंने जीवन की न्यूनतम आवश्यकताओं को भी अस्वीकार कर दिया था। यहाँ तक कि वे भोजन और वस्त्र की भी चिंता नहीं करते थे। अन्नक्षेत्र में जाकर भोजन करने से उनकी साधना में विघ्न पड़ता था, इसलिए वे एक दिन के राशन पर एक सप्ताह व्यतीत कर देते थे।

उन्होंने सूखी रोटियाँ खाने की आदत डाल ली थी। जब भी रोटी खाना होती, उसे गंगाजल में डुबाकर खा लेते थे और समय का सदुपयोग वे ध्यान,जप और पूजा में किया करते थे। बिना नमक की बेस्वाद रोटियों को ही उन्होंने अपना मुख्य भोजन बना लिया था।

उनके पास पहनने को मात्र दो ही वस्त्र थे। उनके कमरे में सामान के नाम पर मात्र एक जल पात्र और कंबल था। शीत ऋतु में कंबल भी एक निर्धन तीर्थ यात्री को दे दिया और स्वयं सूती कपड़े में ठिठुरते रहे।

वे सारी रात कमर तक गंगा के शीतल जल में खड़े रहकर जप करते रहते। सूर्योदय हो जाता तो सूर्य भगवान की पूजा करके ही बाहर आते थे। वे घंटों शीतल जल में खड़े रहते थे। इतनी कठोर साधना के बाद उन्होंने हमेशा अपना दातार मन बनाए रखा।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बसंत पंचमी पर माता सरस्वती के अलावा किसकी होती है पूजा? वैवाहिक जीवन में मिलता है लाभ

राजनीति में आसान नहीं है राहुल गांधी की राह, जानिए क्या कहते हैं सितारे?

Magh mah gupt navratri 2025: माघ माह की गुप्त नवरात्रि में करें 5 अचूक उपाय, जीवन के हर संकट हो जाएंगे दूर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शपथ ग्रहण कुंडली से जानें उनकी सरकार का भविष्य, चलेगी या जाएगी

माघ गुप्त नवरात्रि पर जानें महत्व, विधि और 10 खास बातें

सभी देखें

धर्म संसार

03 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

03 फरवरी 2025, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope: 03 से 09 फरवरी में किन राशियों का होगा भाग्योदय, पढ़ें पहले सप्ताह का साप्ताहिक राशिफल

Weekly Panchang 2025: नए सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त, जानें साप्ताहिक कैलेंडर (03 से 09 फरवरी)

बसन्त पंचमी पर बेटी का हुआ है जन्म तो दीजिए उसे मां सरस्वती के नामों से प्रेरित ये सुंदर नाम