भगवान तो परिपूर्ण हैं...!

भगवान भी होते हैं दुखी

Webdunia
ND

भगवान को मानते सभी है, मगर जानते नही हैं। भगवान तो परिपूर्ण हैं, उनके पास हर सुख और ऐश्वर्य है। इसलिए वे हमेशा भक्त के पास होते हैं। भक्त को दुखी देखकर उनको भी दुख होता है। ऐसी स्थिति में जब भक्त उनको माता-पिता मानकर दोनों हाथ उठाकर रोता है तो वे भी भक्त को गले लगाने के लिए दौड़ पड़ते हैं।

संसार में आकर भूल जाते हैं : संसार में मनुष्य के पास केवल सात दिन होते हैं, इन्ही दिनों में उसका जन्म भी होता है और वह मृत्यु को भी प्राप्त करता है। मनुष्य मृत्यु लोक में आने के बाद कर्म और भगवत आराधना को भूलकर संसार के मोह-माया में भटक जाता है। वह भूल जाता है कि उसका जन्म किस उद्देश्य और लक्ष्य प्राप्ति के लिए हुआ है।

ND
परमात्मा ज्ञान और सत्य स्वरूपः परमात्मा ज्ञान और सत्य स्वरूप में हर जगह विद्यमान हैं। जब आत्मा का परमात्मा में विलय हो जाता है तो जीव अपना सबकुछ त्याग कर परमात्मा में लीन हो जाता है। ऐसा होना ठीक उसी प्रकार का उपक्रम है जैसे पानी का हर बूंद सागर में जाकर विलीन हो जाता है।

भगवान करते हैं भवसागर पार : संसार में आकर जो मनुष्य भगवान के शरण में रहते हैं, उनको जीवन-मरण और इस भवसागर से पार करने का दायित्व भगवान खुद उठाते हैं। ऐसा तभी संभव हो सकता है, जब मनुष्य अंतरमन से भगवान की आराधना और भक्ति करें।

किसी भी कथा अथवा धर्म स्थल पर जाने से पहले उसकी महत्ता को जानना चाहिए। तभी कथा और धर्म स्थलों की यात्रा में आनंद की प्राप्ति होगी।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

क्या महिलाओं को शिवलिंग छूना चाहिए?

सावन में रोजाना पूजा के लिए घर पर मिट्टी से शिवलिंग कैसे बनाएं? जानिए आसान विधि

सावन माह में पड़ेंगे 2 प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन का समय

सिंहस्थ महाकुंभ की तारीखों की हुई घोषणा, 27 मार्च से 27 मई 2028 तक चलेगा महापर्व

क्या खंडित शिवलिंग की पूजा करना सही है?

सभी देखें

धर्म संसार

भगवान की आरती करने का सही और वैज्ञानिक तरीका, मिलेंगे कई फायदे

23 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

हर हर महादेव! सावन शिवरात्रि पर शेयर करें ये शुभकामनाएं और पाएं भोलेनाथ की कृपा

मंगल का कन्या राशि में गोचर, शनि से होगी टक्कर, बचकर रहें ये 4 राशियां

23 जुलाई 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त