भूत-प्रेत से जुड़े दस सवाल और उनके उत्तर, जानिए

Webdunia
भूत के कई अर्थ होते हैं उनमें से एक है बीता हुआ काल या समय। जो लोग भूतकाल में ही जिते रहते हैं उन्हें भूत कहने में कोई हर्ज है क्या? मृत्यु के बाद नया जन्म लेने में यही एक आदत जीवात्मा को नया जन्म नहीं लेने देती है कि उसमें अभी तक आसक्ति, स्मृति और वासनाओं का मन में वास रहता हैं। जो लोग अपने इस जीवन की स्मृतियों को नहीं छोड़ना चाहते प्रकृति उन्हें दूसरा गर्भ उपलब्ध कराने में अक्षम होती है।

जानिए पितृलोक को...


कभी कभार ऐसा होता है कि कोई नया जन्म ले लेता है लेकिन उसकी पीछले जन्म की याददश्त बनी रहती है, उसे कहते हैं कि इसे पीछले जन्म की सब याद है। भूत से जुड़ी धारणा और मान्यताओं के संबंध में प्रश्नों के माध्यम से उत्तर दिए जाने का प्रयास करेंगे।

अगले पन्ने पर...क्या प्रेत किसे कहते हैं?


FILE


सवाल पहला : प्रेत क्या है और प्रेत किसे कहते हैं?
जवाब : पितृ शब्द से बना है प्रेत। स्थूल शरीर छोड़ने के बाद मान्यता अनुसार जो अंतिम क्रिया और तर्पण-पिंड या श्राद्ध कर्म करने तक व्यक्ति प्रेत योनी में रहता है तो उसे प्रेत कहते हैं। तीसरे, तेरहवें, सवा माह या एक वर्ष तक वह प्रेत योनी में रहता है।

एक वर्ष के भीतर वह यदि पक्का स्मृतिवान है तो जीवात्मा पितृलोक चला जाता है तब उसे पितर या पितृ कहा जाता है। लेकिन यदि नहीं गया है तो और यहीं धरती पर ही विचरण कर रहा है तो वह प्रेत या भूत बनकर ही तब तक रहता है जब तक कि उसकी आत्मा को शांति नहीं मिल जाती।

अगले पन्ने पर दूसरा सवाल...


FILE


सवाल : भूत या प्रेत बाधा से ग्रसित व्यक्ति व्यक्ति का उपचार हो सकता है होता है तो कैसे?
जवाब : भूत या प्रेत बनी जीवात्मा की मानसिक शक्ति इंसानों से कहीं अधिक ताकतवर होती है। ऐसे व्यक्ति अपनी शांति के लिए या किसी से बदला लेने के लिए दूसरों के मन और मस्तिष्क पर कब्जा कर लेते हैं। ऐसे में भूत बाधा ग्रस्त व्यक्ति का आध्यात्मिक रूप से इलाज करना जरूरी होता है।

इसके लिए व्यक्ति को हनुमान की शरण में जाना चाहिए या योगसाधना के द्वारा अपनी शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को ध्यान रखना चाहिए कि वो मन, वचन और कर्म से शुद्ध और पवित्र रहे। पवित्र रहने वाले व्यक्ति के आसपास भूत नहीं फटकते हैं।

ऐसे व्यक्ति को अंधकार से दूर रहकर ध्यान द्वारा मन और मस्तिष्क में सकारात्म ऊर्जा का संचार करना चाहिए। तेरस, चौदस, अमावस्य और पूर्णिमा के दिन व्यक्ति शुद्ध और निर्मर बना रहे। मंगलवार और रविवार के दिन विशेष ध्यान रखे और इस दिन अंधकार या बाहरी प्रवास से बचे।

अगले पन्ने पर तीसरा सवाल...

FILE


सवाल : भूत के कितने वर्ग और प्रकार होते हैं।
जवाब : वर्ग की बात करें तो प्रेत आत्माएं भी इंसानों की तरह सतोगुणी, रजोगुणी और तमोगुणी होती है। सतोगुणी आत्माएं किसी को परेशान नहीं करती और सदा शांत रहकर लोगों की मदद करती हैं। रजोगुणी आत्माओं का कोई भरोसा नहीं, वे अपनी इच्छापूर्ति के लिए संस्कार अनुसार कार्य करती है ऐसी आत्माएं किसी के भी शरीर में प्रवेश कर अपनी इच्छा की पूर्ति कर सकती है। तमोगुरु आत्माएं सदा लोगों को परेशान करती रहती है।

ऐसी आत्माएं धरती पर बुराइयों का साथ देती हैं जो लोग सदा मांस भक्षण और शराब इत्यादि का सेवन करते रहते हैं उनके आसपास तमोगुणी आत्माएं रहती है।

भूतों के प्रकार : हिन्दू धर्म में गति और कर्म अनुसार मरने वाले लोगों का विभाजन किया है- भूत, प्रेत, पिशाच, कूष्मांडा, ब्रह्मराक्षस, वेताल और क्षेत्रपाल। उक्त सभी के उप भाग भी होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार 18 प्रकार के प्रेत होते हैं। भूत सबसे शुरुआती पद है या कहें कि जब कोई आम व्यक्ति मरता है तो सर्वप्रथम भूत ही बनता है।

इसी तरह जब कोई स्त्री मरती है तो उसे अलग नामों से जाना जाता है। माना गया है कि प्रसुता, स्त्री या नवयुवती मरती है तो चुड़ैल बन जाती है और जब कोई कुंवारी कन्या मरती है तो उसे देवी कहते हैं। जो स्त्री बुरे कर्मों वाली है उसे डायन या डाकिनी करते हैं। इन सभी की उत्पति अपने पापों, व्याभिचार से, अकाल मृत्यु से या श्राद्ध न होने से होती है।

अगले पन्ने पर चौथा सवाल....


सवाल : कहां रहते हैं भूत-प्रे‍त?
जवाब : भूत निवास के संबंध में मान्यता है कि वे सालों से सुनसान पड़े मकान में, किसी तालाब किनारे के वृक्षों पर या खंडहर में निवास करते हैं। इसके अलावा वे नकारात्मक तमोगुणी मनुष्य के शरीर पर कब्जा पर उसके पास ही रहते हैं।

कुछ लोग मानते हैं कि भूत-प्रेत अंधेरे और दुर्गन्धयुक्त किसी मलिन स्थानों पर भी रहते हैं और पैसे ही पदार्थों का सेवन भी करते हैं।

अगले पन्ने पर पांचवां सवाल...

सवाल : कौन बन जाता है भूत या प्रेत?
जवाब : अतृप्त आत्माएं बनती है भूत। जो व्यक्ति भूखा, प्यासा, संभोगसुख से विरक्त, राग, क्रोध, द्वेष, लोभ, वासना आदि इच्छाएं और भावनाएं लेकर मरा है अवश्य ही वह भूत बनकर भटकता है। तमोगुण प्रधान व्यक्ति भी भूत बनकर भटकते हैं।

और जो व्यक्ति दुर्घटना, हत्या, आत्महत्या आदि से मरा है वह भी भू‍त बनकर भटकता है। ऐसे व्यक्तियों की आत्मा को तृप्त करने के लिए श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। जो लोग अपने स्वजनों और पितरों का श्राद्ध और तर्पण नहीं करते वे उन अतृप्त आत्माओं द्वारा परेशान होते हैं।

अगले पन्ने पर छठवां प्रश्न....

सवाल: भूत, प्रेत बाधा से ग्रस्त व्यक्ति के क्या लक्षण हैं?
जवाब : अगल अलग प्रेत होते हैं जो व्यक्ति जिस प्रेत के वश में होता है उसके वैसे वैसे लक्षण होते हैं। सामान्य तौर पर प्रेत बाधा से ग्रस्त व्यक्ति की आंखें स्थिर, अधमुंदी और लाल रहती हैं। उके नाखून काले हो जाते हैं।

इस संबंध में संपूर्ण जानकारी


उसका सामान्य व्यवहार नहीं होते। स्वभाव में अत्यधिक क्रोध, जिद और उग्रता पैदा हो जाती है। शरीर से बदबूदार पसीना आता रहता है और कहीं कहीं सूजन रहती है।

अगले पन्ने पर सातवां सवाल...


सवाल : क्यों नहीं दिखाई देती प्रेत आत्माएं हम लोगों को दिखाई क्यों नहीं देतीं?
जवाब : जीवित मनुष्य का शरीर पांच तत्वों से बना होता है जिसमें पृथ्वी तत्व सबसे अधिक होता है। जबकि मरने के बाद जीवात्मा सूक्ष्म शरीर में प्रवेश कर जाती है।

सूक्ष्म शरीर में वायुत्व की अधिकता होती है जिससे वे दिखाई नहीं देते। केवल उनका स्पर्श और अस्तित्व महसूस होता है। इस शरीर को केवल अंधकार में देखा जा सकता है। रात के घोर अंधकार में भी देख सकने वाले कुत्तों, बिल्ली, सियार और उल्लू जैसे निशाचारी प्राणियों को ये आसानी से दिखाई देते हैं।

अगले पन्ने पर आठवां सवाल...

सवाल: किन लोगों को भूत-प्रेत परेशान नहीं कर सकते?
जवाब : जो व्यक्ति ईश्वर की प्रार्थना करता रहता है उसके चेहरे पर तेज नजर आता है। हजारों देवी-देवताओं की पूजा-पाठ से श्रेष्ठ है ईश आराधना।

इसके अलावा योग साधना, ध्यान साधना करने वालों लोगों से भूत दूर ही रहते हैं क्योंकि ऐसे व्यक्तियों का आभा मण्डल विराट हो जाता है जिससे डरकर भूत भाग जाते हैं। अभा मंडल कमजोर है तो भूत ऐसे व्यक्ति पर आसानी से कब्जा पर लेते हैं।

इसके अलावा वे लोग ‍जो शारीरिक और मानसिक स्तर से मजबूत हैं उन्हें भी भूत परेशान नहीं कर सकते। मन में ईश्वर और खुद के प्रति विश्वास और दृढ़ता होना जरूरी है। भूत बाधा केवल कमजोर मन और शरीर वाले प्राणियों, विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों तथा कमजोर दिमाग वाले व्यक्तियों को परेशान करते हैं।

अगले पन्ने पर नौवां सवाल...


सवाल : क्या भूत प्रेत के फोटो खिंच सकते हैं?
जवाब : आजकल अमेरिका और रूस में ऐसे कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और कैमरे हैं जिनके बल पर किसी भी सूक्ष्म से सूक्ष्म चीज को कैमरे में कैद किया जा सकता है। दूसरी और कभी-कभार भूत अपनी शक्ति के बल पर प्रकाट हो जाते हैं ऐसे समय उनका फोटो खिंचा जा सकता है।

अगले पन्ने पर दसवां सवाल...

सवाल : क्या भूत-प्रेतों को वश में करने की कोई विधि है?
जवाब : भूत-प्रेतों को वश में करने का बहुत से लोग दावा करते हैं। इसके लिए उनके अनुसार भूतों से संबंधित विशेष मंत्र साधनाओं की जाती है लेकिन ऐसी आत्माएं अपना स्वार्थ साधन न होने पर वश में करने वाले का ही अहित भी कर देती हैं।

भूत-प्रेतों की साधना करके उन्हें अपने वश में करने के क्या भयानक परिणाम हो सकते हैं। जो व्यक्ति भूत-प्रेतों को वश में करता है वे भूत-प्रेत उस व्यक्ति के शरीर और मन के शक्ति संपन्न रहने तक ही उसके अनुसार कार्य करते हैं। शरीर और मन के कमजोर होते ही वे उस व्यक्ति की दुर्गति आरंभ कर देते हैं।

( समाप्त)

वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Vrishabha Sankranti 2024: सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश से क्या होगा 12 राशियों पर इसका प्रभाव

Khatu Syam Baba : श्याम बाबा को क्यों कहते हैं- 'हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा'

Maa lakshmi : मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पर चढ़ाएं ये 5 चीज़

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Guru Gochar 2025 : 3 गुना अतिचारी हुए बृहस्पति, 3 राशियों पर छा जाएंगे संकट के बादल

सभी देखें

धर्म संसार

Chinnamasta jayanti 2024: क्यों मनाई जाती है छिन्नमस्ता जयंती, कब है और जानिए महत्व

18 मई 2024 : आपका जन्मदिन

18 मई 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Maa lakshmi beej mantra : मां लक्ष्मी का बीज मंत्र कौनसा है, कितनी बार जपना चाहिए?

Mahabharata: भगवान विष्णु के बाद श्रीकृष्‍ण ने भी धरा था मोहिनी का रूप इरावान की पत्नी बनने के लिए