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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के भाई पर जमीन मामले में केस दर्ज, जानिए क्‍या है पूरा मामला

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, मंगलवार, 27 मई 2025 (19:12 IST)
जमीन पर कब्जे के मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के भाई भरत पटवारी और नाना पटवारी समेत इंदौर के जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि उन्होंने जमीन पर जबरन कब्जा किया और शिकायतकर्ता नरेंद्र मेहता को धमकाया।

तेजाजी नगर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4), 336, 337, 338, 339 और 340 के तहत केस दर्ज किया है। नरेंद्र मेहता, जो महावीर बाग के निवासी हैं, उन्होंने पुलिस में यह केस दर्ज करवाया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि 29 मार्च 2025 को यादव और पटवारी के समर्थकों ने उनकी ग्राम उमरी खेड़ी में स्थित साढ़े छह एकड़ जमीन पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया। यादव 15-20 लोगों के साथ वहां आए और उन्हें डराकर जमीन से बाहर कर दिया। मेहता का आरोप है कि सभी आरोपी अब उस जमीन पर कॉलोनी डेवलप कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर उसका प्रचार भी शुरू कर दिया गया है।

दरअसल, नरेंद्र मेहता ने बताया कि यह जमीन होलकर रियासत द्वारा फरवरी 1939 में नारायण पलसीकर को इनाम स्वरूप दी गई थी। उनके पिता नवरतनमल जैन ने 1950 में इस जमीन को विक्रय संधि के तहत खरीदा था और उसी समय से इस पर उनका वैध अधिकार है। प्रदेश की राजस्व संहिता के अनुसार, वे इस जमीन के कानूनी मालिक हैं। इसके बावजूद, आरोपियों ने जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की और फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन के रिकॉर्ड में भी हेरफेर की है। मेहता ने इस बाबत राजस्व अधिकारियों को भी शिकायत की है।

जान से मारने की धमकी : नरेंद्र मेहता ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने जमीन पर अपनी वैधता का दावा किया और शिकायत दर्ज कराई, तो आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। आरोप है कि आरोपियों ने जमीन पर एक कमरे का निर्माण भी शुरू कर दिया है और सोशल मीडिया के माध्यम से उस जमीन की बिक्री का प्रचार कर रहे हैं। मेहता ने कहा कि जब भी वे जमीन देखने जाते हैं, आरोपियों द्वारा उन्हें धमकाया जाता है और अवैध रूप से रुपए की मांग भी की जाती है।

राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर का आरोप : मेहता के मुताबिक आरोपियों ने राजस्व रिकॉर्ड में फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपनी नाकामी छुपाने की कोशिश की है। हालांकि, राजस्व विभाग के अभिलेखों में यह जमीन अभी भी उनके पिता नवरतनमल जैन के नाम दर्ज है। आरोप है कि राजस्व रिकॉर्ड में जैन के नाम वाली पर्ची पर चिपकाकर उनके स्थान पर सदाशिव यादव का नाम लिखवा दिया गया है। 
Edited By: Navin Rangiyal

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