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महाकाल के श्रृंगार पर विवाद, IAS ने बताया कमाई का जरिया, पुजारियों ने कहा, शास्‍त्रों में लिखा, दखल न दें

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हमें फॉलो करें Controversy over Mahakaal decoration

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शनिवार, 30 अगस्त 2025 (17:29 IST)
उज्‍जैन महाकाल मंदिर में बाबा महाकाल के श्रृंगार को लेकर विवाद शुरू हो गया है। इस विवाद में पुजारी और एक पूर्व आईएएस ऑफिसर आमने-सामने हो गए हैं।

दरअसल, पूर्व आईएएस ऑफिसर ने इसे कमाई का जरिया बताया है तो वहीं पुजारी इस बयान पर भड़क गए हैं और उन्होंने कहा है कि सबकुछ शास्‍त्रों में लिखे अनुसार हो रहा है। दरअसल, पूर्व संभागायुक्त मोहन गुप्त द्वारा भांग से श्रृंगार को कमाई का जरिया बताना है। वहीं पुजारी इसे शास्त्रों के अनुसार बता रहे है।

ऐसे शुरू हुआ विवाद : विवाद की शुरुआत 18 अगस्त सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से हुई, जिसमें भस्मारती के दौरान बाबा महाकाल को किया भांग का श्रृंगार अचानक गिर गया था। इस घटना के बाद अब उज्जैनिय विद्वत परिषद के अध्यक्ष और पूर्व कमिश्नर आईएएस अधिकारी मोहन गुप्त ने कहा कि किसी भी शास्त्र में महाकाल का भांग का श्रृंगार के उल्लेख नहीं है। उन्‍होंने कहा कि पुजारी बड़ी मात्रा में भांग का श्रृंगार कर शिवलिंग का क्षरण कर रहे हैं। यह श्रृंगार कर अपने यजमानों को श्रृंगार का फोटो भेजते हैं और पैसा कमाते हैं। इसे तत्काल बंद कर देना चाहिए। भांग का श्रृंगार तत्काल बंद करें।

शास्त्रों में भांग का उल्लेख नहीं : पूर्व कमिश्नर गुप्त ने कहा कि भगवान शिव का भांग से श्रृंगार का कोई महत्व नहीं है। किसी शास्त्र, शिव पुराण और शिवलिंग पुराण में भांग से पूजन का महत्व नहीं बताया है। सन 2000 से पहले भांग का श्रृंगार नहीं होता था। मैं उज्जैन कमिश्नर था तब पुजारियों ने महाकाल में भात पूजा शुरु की। मेरे मना करने पर बंद कर दी गई, लेकिन मेरे रिटायरमेंट के बाद व्यवसायिक उद्देश्य से भांग पूजन शुरू कर दिया। पुजारी अपने जजमानों को फोटो भेजते हैं कि आपके द्वारा भांग का शृंगार किया। मैंने हमेशा इसका विरोध किया है। शिवलिंग पर भांग अर्पित की परम्परा तत्काल बंद कर देना चाहिए।

आईएएस पर भड़के पुजारी : बाबा महाकाल के भांग से श्रृंगार पर गुप्त द्वारा दिए बयान पर पुजारी महेश शर्मा ने कहा कि बाबा को 1978 के पूर्व से भांग चढ़ रही है। शिव पुराण में उल्लेख है कि भगवान शिव ने धतूरा विष धारण किया तो उनके गले में अधिक उष्णता होने पर माता पार्वती ने भांग की औषधि का लेप किया था। जिससे उनको शांति और शीतलता मिली थी। पुजारी को इस तरह व्यवसाय की जरूरत नहीं है। भगवान का इतना दिव्य श्रृंगार होने पर बुरी नजर से भांग गिर भी जाती है। मंदिर समिति के द्वारा निर्धारित भांग ही शिवलिंग पर चढ़ाई जाती है।

क्यों शुरू हुआ विवाद : 18 अगस्त को राजसी सवारी के दौरान रात करीब 8 बजे सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ।  जिसमें बाबा महाकाल का भांग का श्रृंगार गिरता नजर आया।  हालांकि वहां मौजूद पण्डे पुजारियों ने इसे तत्काल ठीक कर लिया, लेकिन घटना सुर्खियां बनीं तो मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने श्रृंगार करने वाले मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु को नोटिस थमा दिया। तय मात्रा से ज्यादा भांग उपयोग पर जवाब तलब किया।

नमी के कारण भांग गिरी : 18 अगस्त को भांग का श्रृंगार करने वाले प्रदीप गुरु ने बताया कि कहा कि बारिश के कारण गर्भगृह में नमी हो रही थी। शिवलिंग पर पंचामृत के कारण नमी थी। जिसके चलते भांग शिवलिंग पर टिकी नहीं और चिकनाई होने के कारण भांग गिर गई। हमने मंदिर समिति द्वारा तय मात्रा में ही भांग लगाई थी। वहीं प्रशासक प्रथम कौशिक ने कहा अब भांग इलेक्ट्रॉनिक कांटे पर तोल कर दी जाएगी। बता दें कि प्रतिदिन 3 किलो भांग से श्रृंगार किए जाने का नियम है।
Edited By: Navin Rangiyal

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