इंदौर। प्रेस क्लब सभागृह में स्वराज 75 अमृत महोत्सव समिति, इंदौर महानगर द्वारा स्वाधीनता में बहनों के महत्वपूर्ण योगदान को स्मरण करने एवं समाज के मध्य इस स्वगौरव के जागरण हेतु प्रबुद्ध महिला गोष्ठी का आयोजन अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर किया गया।
कार्यक्रम की प्रस्तावना श्रीमती अनघा साठे, प्रांत कार्यवाहिका ने रखी। 'स्वाधीनता में मातृभाषा का महत्व' विषय पर प्रकाश डालते हुए महिलाओं की उस समय भाषा के माध्यम से भूमिका और आगामी योजना पर बात रखी। मुख्य अतिथि अमर चड्ढा (अध्यक्ष, वामा साहित्य मंच) ने मातृभाषा के गौरव और महत्व के विषय में बताते हुए विभिन्न महापुरुषों के मातृभाषा के बारे में विचार और आधुनिक समय में भाषा को संस्कृति का आधार बनाकर कार्य करने की बात कही।
अध्यक्षता डॉ. निधि पवन शर्मा (अध्यक्ष, रेजीडेंसी क्लब) ने मातृभाषा को भावों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम बताया। अपनी भाषा पर गर्व कर घर के साथ ही कामकाज की भाषा और विशेष रूप से बच्चों से संवाद की भाषा भाव और भावनाओं को समझने वाली हो, इस बात पर जोर दिया।
मुख्य वक्ता मालासिंह ठाकुर ने स्वाधीनता में महिलाओं के योगदान, क्रांतिकारी और वीरांगनाओं के परिवारों की सशक्त भूमिका, देश में गौरवशाली इतिहास और महिलाओं की स्थिति को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम के विषय में बात रखी। साथ ही आगामी वर्षों में स्वजागरण के संकल्प के साथ परिवार में स्वभाषा, स्वदेशी, स्वधर्म, स्वजीवन मूल्य के जागरण में मातृशक्ति की महती भूमिका को बताया।
मातृभाषा हमें अपने लोगों, अपनी संस्कृति, परंपराओं व साहित्य से जोड़ती है, इसी भाव से अंत में संस्कृत, मराठी, गुजराती, पंजाबी, सिन्धी, कन्नड़, तेलुगु, बंगाली, कुमाऊं, निमाड़ी, मालवी भाषा में संबंधित वेशभूषा के साथ मातृभाषा जागरण का संकल्प भी लिया गया। डॉ. निधि पवन शर्मा ने सभी को हिन्दी में संकल्प दिलाया।
गोष्ठी में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाली डॉक्टर, अधिवक्ता, इंजीनियर, शिक्षक, सीए, सामाजिक कार्यकर्ता के साथ ही विभिन्न समाजों की प्रमुख मातृशक्ति उपस्थित थीं। संचालन डॉ. समीक्षा नायक ने किया। स्वागत सुनीता दीक्षित, सोनाली पालिया, अलका सैनी और विभूति व्यास ने किया।