इंदौर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को बाबू लाभचंद छजलानी मार्ग स्थित निवास पर पहुंचकर पद्मश्री स्व. अभय छजलानी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस मौके कमलनाथ ने अभय जी के परिजनों से मुलाकात कर शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं।
उल्लेखनीय है कि नईदुनिया के पूर्व प्रधान संपादक श्री अभय छजलानी का 23 मार्च को निधन हो गया। स्व. अभय जी हिन्दी पत्रकारिता के अमित हस्ताक्षर थे। उनके नेतृत्व में कई ऐसे पत्रकार तैयार हुए, जो बाद में अन्य मीडिया संस्थानों में शीर्ष पदों तक पहुंचे।
उन्होंने इंदौर की पत्रकारिता को देश के मानचित्र पर एक अलग पहचान दिलवाई। शहर से जुड़े मुद्दों को लेकर वे हमेशा मुखर रहते थे। इंदौर आज जिस स्वरूप में है, उसमें अभयजी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सामाजिक सरोकार के लिए काम करने वाली संस्थाओं की वे खुलकर मदद करते थे।
इंदौर में नर्मदा का जल लाने, आईआईटी, आईआईएम और आरआर केट जैसी संस्थाएं दिलवाने में उन्होंने अहम भूमिका अदा की। उनके नेतृत्व में इंदौर में खेल गतिविधियों का भी बहुत विस्तार हुआ और खासकर टेबल टेनिस को देश के नक्शे पर स्थान मिला।
अभय जी का संक्षिप्त परिचय
-4 अगस्त 1934 को इंदौर में अभय जी का जन्म हुआ।
-1955 में पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रवेश किया।
-1963 में कार्यकारी संपादक का कार्यभार संभाला बाद में लंबे अरसे तक नईदुनिया के प्रधान संपादक भी रहे।
-वर्ष 1965 में उन्होंने पत्रकारिता के विश्व प्रमुख संस्थान थॉम्सन फाउंडेशन, कार्डिफ (यूके) से स्नातक की उपाधि ली।
-हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र से इस प्रशिक्षण के लिए चुने जाने वाले वे पहले पत्रकार थे।
-अभयजी को श्रेष्ठतम पत्रकारिता के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
-आज वे कई महत्त्वपूर्ण सामाजिक दायित्व भी निभा रहे हैं।
-अभय छजलानी भारतीय भाषाई समाचार पत्रों के शीर्ष संगठन इलना के तीन बार अध्यक्ष रह चुके हैं।
वे 1988, 1989 और 1994 में संगठन के अध्यक्ष रहे।
-इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी (आईएनएस) के 2000 में उपाध्यक्ष और 2002 में अध्यक्ष रहे।
-अभयजी 2004 में भारतीय प्रेस परिषद के लिए मनोनीत किए गए, जिसका कार्यकाल 3 वर्ष रहा।
-उन्हें 1986 का पहला श्रीकांत वर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
-वे दुनिया के कई महत्त्वपूर्ण देशों की यात्रा कर चुके हैं जिनमें सोवियत संघ, जर्मनी, फ्रांस, जॉर्डन, यूगोस्लाविया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, थाईलैंड, इंडोनेशिया, तुर्की, स्पेन, चीन आदि शामिल हैं।
-1995 में मप्र क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष बने। ऑर्गनाइजेशन ऑफ अंडरस्टैंडिंग एंड फ्रेटरनिटी द्वारा वर्ष 1984 का गणेश शंकर विद्यार्थी सद्भावना अवॉर्ड वर्ष 1986 में राजीव गाँधी ने प्रदान किया।
-पत्रकारिता में विशेष योगदान के लिए उन्हें वर्ष 1997 में जायन्ट्स इंटरनेशनल पुरस्कार तथा इंदिरा गाँधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार प्रदान किया गया।
-छजलानी को इंदौर में इंडोर स्टेडियम अभय प्रशाल स्थापित करने के लिए भोपाल के माधवराव सप्रे समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान ने सम्मानित किया गया।
-उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय योगदान के लिए ऑल इंडिया एचीवर्स कॉन्फ्रेंस ने दिल्ली में 1998 में राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार प्रदान किया गया।
-वे लालबाग ट्रस्ट इंदौर के अध्यक्ष भी रहे।