Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

हार्ट अटैक आया, लेकिन दवाई नहीं ली और चली गई जान, ये थी दवा नहीं लेने की वजह

Advertiesment
हमें फॉलो करें lack of sleep effects on heart
, बुधवार, 5 फ़रवरी 2025 (16:56 IST)
इंदौर में अपने धर्म के प्रति आस्‍था का एक अनौखा उदाहरण सामने आया है। जैन धर्म के एक शख्‍स ने हार्ट अटैक आने पर भी इसलिए दवाई खाने से इनकार कर दिया क्‍योंकि वे जैन धर्म की परंपरा के अनुसार नवकारसी के पहले दवाई नहीं ले सकते थे। उन्‍होंने दवाई लेने से मना कर दिया। जिसके चलते उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।

दरअसल यह मामला इंदौर का है। जहां जैन धर्म के मेडिकल व्यवसायी अमित चेलावत की हार्ट अटैक से मौत हो गई। अगर वे दवाई ले लेते तो उनकी जान बच सकती थी। लेकिन उन्‍होंने दवा लेने से इसलिए इनकार कर दिया क्‍योंकि जैन धर्म की परंपरा के अनुसार नवकारसी के पहले दवाई नहीं ले सकते है।   इसी दौरान आए दूसरे हृदयाघात ने उनकी जान ले ली।

अटैक आया क्‍यों नहीं ली दवा : अमित चेलावत को उस समय अटैक आया जब वे खेल प्रशाल में अपने साथियों के साथ बैडमिंटन खेल रहे थे।खेल के दो दौर पूरे हो चुके थे, तभी उनके सीने में दर्द शुरू उठा और वे एक ओर जाकर बैठ गए। कुछ ही देर में जब वे अचेत अवस्था में जाने लगे तो वहां मौजूद साथियों ने सीपीआर, यानी सीने पर पंपिंग की तो अमित उठ बैठे। उन्हें साथियों ने तात्कालिक उपचार के रूप में सार्बिट्रेट टेबलेट देना चाही तो अमित ने यह कहकर लेने से इनकार कर दिया कि वे अपनी जैन धर्म की परंपरा (नवकारसी) के अनुसार सुबह 8 बजे के पहले कुछ खा नहीं सकते। साथियों ने जबरन जब मुंह में दवाई दी तो दो बार उन्होंने निकाल दी। इसी दौरान उन्हें दिल का दूसरा दौरा पड़ा और उन्हें बचाया नहीं जा सका।

कौन थे अमित चेलावत: अमित चेलावत एमवाय रोड पर मनोहर केमिस्ट के नाम से दुकान संचालित करते हैं। मेडिकल व्यवसायी अमित चेलावत की उम्र मात्र 49 वर्ष की थी और उनकी दो बेटियां भी हैं। अमित के पिता मनोहर चेलावत का कोरोना काल में निधन हो गया था।
Edited By: Navin Rangiyal

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Tamil Nadu: जंगली हाथी के हमले में जर्मनी के पर्यटक की मौत, हमले का वीडियो वायरल