सायबर फ्रॉड एंड सिक्योरिटी पर ट्रेनिंग
साइबर-हायजीन अपनाकर हम ऑनलाइन हमलों से बच सकते हैं : प्रो. रावल
Cyber Fraud and Security Workshop: प्रशिक्षण केंद्र (STC), सीमा सुरक्षा बल (BSF) इंदौर में कुलदीप कुमार गुलिया महानिरीक्षक (IG) एसटीसी, बीएसएफ इंदौर के मार्गदर्शन व ललित कुमार हुरमाड़े कमांडेंट (मुख्य प्रशिक्षक) और सौरभ सेकेंड इन कमांड (प्रशिक्षण) एसटीसी बीएसएफ इंदौर के निर्देशन में साइबर अपराध और सुरक्षा विषय पर एक ट्रेनिंग सत्र का आयोजन किया गया।
सत्र को राष्ट्रीय स्तर साइबर सिक्योरिटी ट्रेनर प्रो. गौरव रावल ने संबोधित किया। उन्होंने वर्तमान साइबर परिदृश्य और स्मार्ट समाधान के साथ सभी को अवगत कराया। सोशल मीडिया सावधानियों पर प्रो. रावल ने बताया कि अपने व्यक्तिगत जानकारी को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपडेट या पोस्ट करते समय जागरूक रहें। साथ ही किसी भी प्रकार के सोशल मीडिटा प्लेटफॉर्म पर अपने व्यक्तिगत विवरण जैसे फ़ोन नंबर, स्थानीय पता, वर्तमान स्थान और वास्तविक जन्मतिथि न दें क्योंकि इन सभी व्यक्तिगत विवरणों के साथ ऑनलाइन शिकारी अपने स्वार्थ के लिए आपके व्यक्तिगत विवरणों का लाभ उठा सकते हैं।
उन्होंने अपने व्याख्यान में ईमेल या फेसबुक आईडी, पासवर्ड, मोबाइल फोन, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पैन कार्ड का उपयोग करके सभी को पहचान की चोरी से अवगत कराया। उन्होंने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धाराओं और 2008 में इसके संशोधन के बारे में भी जानकारी दी।
उन्होंने यह भी बताया कि ऑनलाइन सर्च हिस्ट्री को पूरी तरह से हटाया या नष्ट नहीं किया जा सकता है। इसलिए हमें किसी भी सामग्री को लिखने या अपलोड करने से पहले हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
इस ट्रेनिंग कार्यक्रम में अपूर्व राव (सहायक कमांडेंट) व यादवेंद्र तिवारी (सहायक कमांडेंट) के साथ सीमा सुरक्षा बल (एसटीसी) के 335 रिक्रूट कांस्टेबल और 22 स्टाफ सहित कुल 360 लोगों ने भाग लिया।
अंत में ललित कुमार हुरमाड़े कमांडेंट (मुख्य प्रशिक्षक) ने साइबर सुरक्षा ट्रेनिंग में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया कि पाकिस्तान इटेलिजेंस ओपरेटिव (PIO) द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से सैनिकों व अधिकारियों को शिकार बनाकर उनसे देश सुरक्षा से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है, जिससे सभी को सावधान रहने की जरूरत है। इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रो. गौरव रावल को प्रमाण पत्र भेंट किया।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala