अभय प्रशाल में 5 दिन में 1000 युवाओं का वैक्सीनेशन

Webdunia
गुरुवार, 13 मई 2021 (14:37 IST)
इंदौर। अभय प्रशाल स्पोर्ट्स क्लब एवं जैन सोशल ग्रुप लीजेंड द्वारा संयुक्त रूप से लाभ मंडपम में कोरोनावायरस टीकाकरण (Coronavirus vaccination) शिविर आयोजित किया जा रहा है। पूर्व बुकिंग के आधार पर ही यहां टीके लगाए जा रहे हैं।

जैन सोशल ग्रुप के अखिलेश जैन गोपी ने बताया कि अभय प्रशाल में 8 मई से टीकाकरण शिविर आयोजित हो रहा है। अब तक 18 से 44 वर्ष का आयु वाले वर्ग के करीब 1000 लोगों का टीकाकरण हो चुका है। उन्होंने कहा कि यहां रोज टीका लगवाने के लिए 300 के लगभग लोग आ रहे हैं, लेकिन स्लॉट कम होने के कारण 200 से 225 लोगों को ही टीका लगाया जा रहा है।

जैन ने कहा कि जल्द ही हमें 500 का स्लॉट मिलने की संभावना है। इसके बाद ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन हो सकेगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों का स्लॉट पहले से बुक है उन्हें ही टीके लगाए जा रहे हैं। गोपी ने लोगों से अपील की है कि यदि उनका स्लॉट बुक है और किसी कारण से वे सेंटर तक नहीं जा पा रहे हैं तो उसे रिशेड्‍यूल कर लें ताकि टीका किसी और को लगाया जा सके।
वैक्सीनेशन के‍ लिए आए लोगों ने व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि यहां कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए टीकाकरण हो रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। यहां लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या देखने को नहीं मिल रही है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Lok Sabha Chunav : रायबरेली में प्रियंका गांधी संभाल रहीं भाई राहुल का चुनावी कैंपेन, PM मोदी को लेकर लगाया यह आरोप

Sandeshkhali Case : बैरकपुर में प्रधानमंत्री मोदी का दावा, बोले- प्रताड़ित महिलाओं को धमका रहे TMC के गुंडे

केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में दी 10 गारंटी, कहा फेल हुआ भाजपा का प्लान

Gold ETF से निवेशकों ने अप्रैल में निकाले 396 करोड़, जानिए क्‍या है कारण...

FPI ने मई में की 17000 करोड़ से ज्‍यादा की निकासी, चुनाव काल में क्‍या है विदेशी निवेशकों का रुख

Lok Sabha Elections LIVE: पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा, जम्मू कश्मीर में सबसे कम मतदान

पीएम मोदी आज शाम वाराणसी में, करेंगे 6 किलोमीटर लंबा रोड शो

CBSE 10th Result 2024 : सीबीएसई 10वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम घोषित, 93.6% विद्यार्थी उत्तीर्ण

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में एसयूवी पलटने से 3 की मौत, 4 घायल

आखिर भारत कैसे बना धार्मिक अल्पसंख्यकों का सुरक्षित ठिकाना

अगला लेख