Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

भीकाजी कामा - प्रसिद्ध क्रांतिकारी नेता के बारे में 10 तथ्य

हमें फॉलो करें webdunia
bhikaji cama
 

1. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रवादी आंदोलन की प्रमुख नेता रहीं भीकाजी कामा का जन्म 24 सितंबर 1861 को बंबई (मुंबई) में पारसी समुदाय के एक अमीर एवं मशहूर शख्सियत भीकाई सोराब जी पटेल के घर हुआ था। 
 
2. उनका परिवार आधुनिक विचारों वाला था और इसका उन्‍हें काफी लाभ भी मिला और वो अपना ज्यादातर समय सामाजिक कार्यों में ही देने लगीं। 
 
3. भीकाजी कामा ने अपनी पढ़ाई एलेक्जेंड्रा नेटिव गर्ल्स इंग्लिश इंस्टीट्यूशन से की। सन् 1885 में उनकी शादी रुस्तम कामा से हुई थी, लेकिन उनका दाम्‍पत्‍य जीवन सुखमय नहीं रहा।
 
 
4. जब भारत परतंत्रता को झेल रहा था, सामाजिक स्‍तर पर पिछड़नेपन और लड़कियों को अभिशाप माना जाता था। ऐसे समाज में अपने अस्तित्व की चुनौती से लड़ते हुए स्‍वतंत्रता की लड़ाई में अपनी महती भूमिका निभाने की प्रबल इच्‍छा और देश की स्‍वतंत्रता को ही अपने जीवन का लक्ष्‍य बना लेने वाली, दृढ़ विचारों वाली महिला भीकाजी कामा ने अगस्‍त 1907 को जर्मनी में आयोजित सभा में देश का झंडा फहराया था, जिसे उनके कुछ साथियों ने मिलकर तैयार किया था, य‍ह झंडा आज के तिरंगे से थोड़ा भिन्‍न था। 
 
5. भीकाजी ने स्‍वतंत्रता सेनानियों की आर्थिक मदद भी की और जब देश में प्लेग की बीमारी ने अपना प्रकोप दिखाया तो अपनी जान की परवाह किए बगैर उनकी भरपूर सेवा की। पीड़ितों की सेवा के दौरान वे खुद भी इस बीमारी की चपेट में आ गईं थीं, लेकिन इलाज के बाद वे ठीक हो गई थीं।
 
6. भीकाजी कामा ने अंतरराष्ट्रीय सोशलिस्ट कांग्रेस में दिए अपने भाषण में कहा था, 'भारत में ब्रिटिश शासन जारी रहना मानवता के नाम पर कलंक है। एक महान देश भारत के हितों को इससे भारी क्षति पहुंच रही है। सभा में मौजूद लोगों से उन्होंने भारत को दासता से मुक्ति दिलाने में सहयोग की अपील की थी और भारतवासियों को कहा था, आगे बढ़ो, हम हिंदुस्तानी हैं और हिंदुस्तान हिंदुस्तानियों का है।'

 
7. भीकाजी कामा का नाम आजादी की लड़ाई में अग्रणियों में एक से माना जाता है। आज भी उनका नाम इतिहास के पन्‍नों पर स्‍वर्णाक्षरों से सुसज्जित है।
 
8. इस महान क्रांतिकारी भारतीय मूल की भीकाजी कामा ने लंदन से लेकर जर्मनी और अमेरिका तक का भ्रमण कर भारत की स्वतंत्रता के पक्ष में माहौल बनाया था।
 
9. भीकाजी ने स्‍वतंत्रता की लड़ाई में बढ़-चढ़कर हिस्‍सा लिया। बाद में वो लंदन चली गईं और उन्‍हें भारत आने की अनुमति नहीं मिली। लेकिन देश से दूर रहना उनके लिए संभव नहीं हो पाया और वो पुन: भार‍त लौट आईं। 
 
10. 13 अगस्त 1936 को 74 वर्ष की उम्र में यानी आजादी से कई साल पहले ही उनका निधन हो गया था।
 
भीकाजी कामा ही वो पहली भारतीय महिला हैं, जिन्होंने पहली बार विदेशी धरती पर भारतीय झंडा लहराया था। लेकिन य‍ह दु:खद बात है कि वे आजादी के उस सुनहरे दिन को नहीं देख पाईं, जिसका सपना उन्‍होंने गढ़ा था।

- RK. 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पिता की मौत के बाद कैसे कौटिल्य बन गया चाणक्य, जानिए