महात्मा ज्योतिबा फुले

Webdunia
महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को पुणे में हुआ था। उनकी माता का नाम चिमणाबाई तथा पिता का नाम गोविन्दराव था। उनका परिवार कई पीढ़ी पहले माली का काम करता था। वे सातारा से पुणे फूल लाकर फूलों के गजरे आदि बनाने का काम करते थे इसलिए उनकी पीढ़ी 'फुले' के नाम से जानी जाती थी। 

ज्योतिबा बहुत बुद्धिमान थे। उन्होंने मराठी में अध्ययन किया। वे महान क्रांतिकारी, भारतीय विचारक, समाजसेवी, लेखक एवं दार्शनिक थे। 1840 में ज्योतिबा का विवाह सावित्रीबाई से हुआ था।
 
महाराष्ट्र में धार्मिक सुधार आंदोलन जोरों पर था। जाति-प्रथा का विरोध करने और एकेश्‍वरवाद को अमल में लाने के लिए ‘प्रार्थना समाज’ की स्थापना की गई थी जिसके प्रमुख गोविंद रानाडे और आरजी भंडारकर थे। 
 
उस समय महाराष्ट्र में जाति-प्रथा बड़े ही वीभत्स रूप में फैली हुई थी। स्त्रियों की शिक्षा को लेकर लोग उदासीन थे, ऐसे में ज्योतिबा फुले ने समाज को इन कुरीतियों से मुक्त करने के लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन चलाए। उन्होंने महाराष्ट्र में सर्वप्रथम महिला शिक्षा तथा अछूतोद्धार का काम आरंभ किया था। उन्होंने पुणे में लड़कियों के लिए भारत की पहला विद्यालय खोला। 
 
इन प्रमुख सुधार आंदोलनों के अतिरिक्त हर क्षेत्र में छोटे-छोटे आंदोलन जारी थे जिसने सामाजिक और बौद्धिक स्तर पर लोगों को परतंत्रता से मुक्त किया था। लोगों में नए विचार, नए चिंतन की शुरुआत हुई, जो आजादी की लड़ाई में उनके संबल बने।
 
इस महान समाजसेवी ने अछूतोद्धार के लिए सत्यशोधक समाज स्थापित किया था। उनका यह भाव देखकर 1888 में उन्हें 'महात्मा' की उपाधि दी गई थी। ज्योतिराव गोविंदराव फुले की मृत्यु 28 नवंबर 1890 को पुणे में हुई।
 
 
Show comments

सिर्फ नुकसान ही नहीं आपके लिए फायदेमंद भी है तनाव, ऐसे करें स्ट्रेस मैनेज

गर्मी में होती है लो बीपी की समस्या तो आयुर्वेद में जानें सही उपचार

ज़रूरत से ज्यादा कर रहे हैं एक्सरसाइज तो शरीर में दिख सकते हैं ये संकेत, जानें दुष्प्रभाव

अपनी दुनिया से कुछ देर के लिए मुक्‍ति है ग्‍लास बीम्‍स

गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे

गोरखपुर : जिसने दो मुख्यमंत्री दिए और एक को हरा दिया

गर्मियों में पैरों से आती है बदबू तो आजमाएं ये 11 उपाय

Ambedkar Jayanti: अंबेडकर जयंती रविवार को, जानें उनके जीवन से जुड़ीं 10 खास बातें

45 फीसदी डॉक्टर लिख रहे अधूरा पर्चा, 10% तो पूरी तरह गलत

Yoga For Brain Health: चीजें रखकर भूल जाते हैं तो रोज करें ये 5 योगासन