Festival Posters

क्रांतिकारी विनायक दामोदर सावरकर

Webdunia
जन्म : 28 मई 1883
मृत्यु : 26 फरवरी 1966

विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) का जन्म नासिक के भगूर गांव में 28 मई, 1883 को हुआ। उनके पिता दामोदरपंत गांव प्रतिष्‍ठित व्यक्तियों में जाने जाते थे। जब विनायक नौ साल के थे तब उनकी माता का देहांत हो गया था।

वीर सावरकर ने शिवाजी हाईस्कूल नासिक से 1901 में मैट्रिक की परीक्षा पास की। बचपन से ही वे पढ़ाकू थे। बचपन में उन्होंने कुछ कविताएं भी लिखी थीं। आजादी के वास्ते काम करने के लिए उन्होंने एक गुप्त सोसायटी बनाई थी, जो 'मित्र मेला' के नाम से जानी गई।

1905 के बंग-भंग के बाद उन्होंने पुणे में विदेशी वस्त्रों की होली जलाई। फर्ग्युसन कॉलेज पुणे में पढ़ने के दौरान भी वे राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत ओजस्वी भाषण देते थे।



तिलक की अनुशंसा पर 1906 में उन्हें श्यामजी कृष्ण वर्मा छात्रवृत्ति मिली। 'इंडियन सोसियोलॉजिस्ट' और तलवार' में उन्होंने अनेक लेख लिखे, जो बाद में कोलकाता के 'युगांतर' में भी छपे।

वे रुसी क्रांतिकारियों से ज्यादा प्रभावित थे। लंदन में रहने के दौरान सावरकर की मुलाकात लाला हरदयाल से हुई। लंदन में वे इंडिया हाऊस की देखरेख भी करते थे। मदनलाल धींगरा को फांसी दिए जाने के बाद उन्होंने 'लंदन टाइम्स' में भी एक लेख लिखा था। उन्होंने धींगरा के लिखित बयान के पर्चे भी बांटे थे।

वीर सावरकर 1911 से 1921 तक अंडमान जेल में रहे। 1921 में वे स्वदेश लौटे और फिर 3 साल जेल भोगी। जेल में 'हिंदुत्व' पर शोध ग्रंथ लिखा। 1937 में वे हिंदू महासभा के अध्यक्ष चुने गए। 1943 के बाद दादर, मुंबई में रहे।

9 अक्टूबर 1942 को भारत की स्वतंत्रता के लिए चर्चिल को समुद्री तार भेजा और आजीवन अखंड भारत के पक्षधर रहे। आजादी के माध्यमों के बारे में गांधीजी और सावरकर का नजरिया अलग-अलग था।



1909 में लिखी पुस्तक 'द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस -1857' में सावरकर ने इस लड़ाई को ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आजादी की पहली लड़ाई घोषित किया।

वीर सावरकर विश्व भर के क्रांतिकारियों में अद्वितीय थे। उनका नाम ही भारतीय क्रांतिकारियों के लिए उनका संदेश था। उनकी पुस्तकें क्रांतिकारियों के लिए गीता के समान थीं। उनका जीवन बहुआयामी था।

वे एक महान क्रांतिकारी, इतिहासकार, समाज सुधारक, विचारक, चिंतक, साहित्यकार थे। उनका सम्पूर्ण जीवन स्वराज्य की प्राप्ति के लिए संघर्ष करते हुए बीता। भारत के इस महान क्रांतिकारी का 26 फरवरी 1966 को निधन हुआ।


Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

Premanand ji maharaj news: प्रेमानंद महाराज को किडनी की कौनसी बीमारी है, जानिए लक्षण और इलाज

लॉन्ग लाइफ और हेल्दी हार्ट के लिए रोज खाएं ये ड्राई फ्रूट, मिलेगा जबरदस्त फायदा

HFMD: बच्चों में फैल रहा है खतरनाक हैंड फुट माउथ सिंड्रोम, लक्षण और बचाव के तरीके

शरीर में खून की कमी होने पर आंखों में दिखते हैं ये लक्षण, जानिए समाधान

इजराइल ने तो दे दिया, आप भी प्लीज ट्रंप को भारत रत्न दे दो मोदी जी!

सभी देखें

नवीनतम

Chhath Puja Healthy Food: छठ पूजा के बाद खाएं ये 8 पारंपरिक व्यंजन, सेहत को मिलेंगे अनेक फायदे

Chhath Festival Essay: प्रकृति और लोक आस्था की उपासना के महापर्व छठ पर पढ़ें रोचक हिन्दी निबंध

Chhath Puja 2025: पीरियड (मासिक धर्म) में छठ पूजा कैसे करें या क्या करें?

Chhath Puja Prasad: पीढ़ियों से छठ पूजा की मीठी परंपरा है ठेकुआ, जानें कैसे बनाएं छठ महापर्व का मुख्य प्रसाद

Chhath Puja Fashion Trends: छठ पूजा पर जानें ज्वैलरी फैशन ट्रेंड्स और कैसा हो आपका श्रृंगार