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राक्षसों के नाम पर रखे हैं भारत के इन शहरों के नाम, जानिए कौनसे हैं ये शहर

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WD Feature Desk

, सोमवार, 12 मई 2025 (15:44 IST)
Interesting facts about india: भारत, एक ऐसा देश जो अपनी प्राचीन संस्कृति, समृद्ध इतिहास और विविधतापूर्ण परंपराओं के लिए जाना जाता है। इस भूमि पर अनगिनत कहानियां और किंवदंतियां रची गई हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही हैं। इनमें से कई कहानियां देवी-देवताओं, ऋषियों-मुनियों और पराक्रमी राजाओं से जुड़ी हैं, तो कुछ ऐसी भी हैं जिनका संबंध राक्षसों और असुरों से है। क्या आप जानते हैं कि भारत के कुछ प्रमुख शहरों के नाम भी इन्हीं पौराणिक राक्षसों के नामों पर रखे गए हैं? यह सुनकर थोड़ा आश्चर्य हो सकता है, लेकिन यह सत्य है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ शहरों के बारे में:

1. जालंधर:
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जालंधर राक्षस भगवान शिव के क्रोध से उत्पन्न हुआ था और अपनी शक्ति के मद में देवताओं को भी चुनौती देता था। राक्षस की पत्नी वृंदा का पतिव्रता धर्म इतना शक्तिशाली था कि स्वयं भगवान विष्णु भी उसे मार नहीं पा रहे थे। कहते हैं कि भगवान विष्णु ने जब छल से वृंदा का सतीत्व भंग किया, तब जलंधर कमजोर हुआ और मारा गया। आज जालंधर शहर पंजाब का बड़ा औद्योगिक केंद्र है।

2. गया:
बिहार का एक प्रसिद्ध शहर, गया, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। यह शहर 'गयासुर' नामक एक शक्तिशाली असुर से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि गयासुर ने अपनी तपस्या से इतनी शक्ति प्राप्त कर ली थी कि वह स्वर्ग और पृथ्वी दोनों को पवित्र करने की क्षमता रखता था। देवताओं ने इससे भयभीत होकर भगवान विष्णु से प्रार्थना की। भगवान विष्णु ने गयासुर के शरीर पर पैर रखकर उसे स्थिर किया, जिसके बाद यह स्थान 'गया' के नाम से जाना गया। आज भी गया पिंडदान और श्राद्ध कर्मों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है।

3. पलवल:
हरियाणा का पलवल शहर प्राचीन समय में पलंबपुर कहलाता था। इसका नाम राक्षस पलंबासुर के नाम पर रखा गया था। किंवदंती है कि लंबासुर इस क्षेत्र में आतंक मचाता था और लोगों को परेशान करता था। भगवान कृष्ण के बड़े भाई, बलराम, ने लंबासुर का वध करके लोगों को उसके अत्याचार से मुक्ति दिलाई। उसी राक्षस के नाम पर इस स्थान का नाम पलवल पड़ा, जो आज एक विकसित शहर के रूप में जाना जाता है।

4. तिरुचिरापल्ली:
तिरुचिरापल्ली तमिलनाडु का एक प्रमुख शहर है । तिरुचिरापल्ली शहर राक्षस थिरिसिरन के नाम पर पड़ा है। थिरिसिरन असुर ने भगवान शिव की घोर तपस्या की थी। मान्यता है कि उसकी भक्ति में इतनी शक्ति थी कि भगवान शिव ने उसे दर्शन देकर वरदान दिया था। उस दौर में इसे थिरि-सिकरपुरम कहा जाता था, जो कालांतर में तिरुचिरापल्ली बन गया। यह शहर आज तमिलनाडु का सांस्कृतिक और शैक्षिक केंद्र है। यह शहर आज अपने प्राचीन मंदिरों और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

5. मैसूर
मैसूर शहर का नाम राक्षस महिषासुर के नाम पर पड़ा है। पौराणिक मान्यता के अनुसार महिषासुर एक बहुत ही शक्तिशाली राक्षस था जिसने देवताओं को बहुत परेशान कर रखा था। तब देवी चामुंडेश्वरी ने उसका वध किया और उसी जगह को महिषा-ऊरु यानी महिषासुर का शहर कहा जाने लगा। कालांतर में यही नाम बदलकर मैसूर हो गया। 2014 में इसका नाम आधिकारिक रूप से मैसुरु रखा गया।

यह जानकर आश्चर्य होता है कि जिन शहरों में आज आधुनिक जीवन की झलक मिलती है, उनका नाता कभी पौराणिक राक्षसों से रहा होगा। ये नाम हमें उस प्राचीन काल की याद दिलाते हैं जब देवी-देवताओं और असुरों की कहानियां हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा थीं। यह भी सोचने वाली बात है कि इन राक्षसों के नकारात्मक चरित्र के बावजूद, उनके नाम आज भी इन शहरों की पहचान बने हुए हैं। अगली बार जब आप इन शहरों का दौरा करें, तो इनके नामों के पीछे छिपी इन दिलचस्प कहानियों को जरूर याद रखिएगा।
अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।


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