भारत में शादी एक रस्म ही नहीं, एक त्योहार और सेलिब्रेशन है। लेकिन कोरोना ने जिंदगी की कई रस्मों को बदल दिया है। शादी भी उनमें से एक है।
कोरोना काल में यह भारत में होने वाली ग्रैंड शादियां अब माइक्रो वेडिंग में तब्दील हो गई। कुल मिलाकार लोगों ने अपने मेहमानों की सूची को छोटा कर दिया है।
पिछले एक साल में कई माइक्रो वेडिंग हुई। अब धीरे धीरे यह ट्रेंड बनता जा रहा है। माइक्रो वेडिंग यानि छोटी शादी में दूल्हा दुल्हन के सिर्फ करीबी रिश्तेदार ही शामिल होते हैं। इसमें शादी समारोह भी छोटे स्तर के हो गए हैं।
आइए जानते हैं इस तरह की माइक्रो वेडिंग के आखिर क्या फायदे हो सकते हैं
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इस तरह की शादी का सबसे बड़ा फायदा पैसों की बचत है। फिजूल खर्ची नहीं होगी।
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ग्रैंड फंक्शन के लिए बेटी के पिता को बैंक से कर्ज नहीं लेना होगा।
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माइक्रो वेडिंग में किसे बुलाया किसे नहीं बुलाया ये नहीं होगा।
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परिवार के जीजा और फूफा जैसे रिश्तेदारों के रूठने की परंपरा खत्म हो जाएगी। भव्य शादी में इनकी तरफ ध्यान नहीं देने की वजह से ये अक्सर नाराज हो जाते हैं। अब ऐसा नहीं होगा।
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अक्सर शादियों में खाना अच्छा नहीं बनने की शिकायत रहती है। माइक्रो वेडिंग में खाना भी कम ही बनता है।
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ऐसे में आप इसमें कई सारी वैराईटी रखवा सकते हैं। वहीं कम खाने में स्वाद भी होगा। इससे खाने की बर्बादी भी रुक जाती है।
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माइक्रो वेडिंग का वेन्यू छोटा होगा तो पैसे भी बचेंगे और सजावट भी अच्छी हो सकेगी।
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कम लोग होने की वजह से माइक्रो वेडिंग चोरी आदि का डर नहीं होगा।
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माइक्रो वेडिंग में भव्य शादियों की तरह ज्यादा वक्त भी बर्बाद नहीं होगा। तैयारी भी जल्दी हो जाएगी।
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सबसे अचछी बात है कि शादी के लिए दूल्हा और दुल्हन समेत मेहमानों को भी अपने ऑफिस से छुट्टी नहीं लेना होगी।