आज 1 अक्टूबर को इंटरनेशनल कॉफी डे है। कॉफी के कई लोग शौकीन होते हैं। दिनभर में कई कई कॉफी पी जाते हैं। लेकिन क्या दिनभर कॉफी पीने वाले लोग जानते हैं कि कॉफी कहां से आई और क्या है इसका इतिहास। आइए जानते हैं आखिर क्या है कॉफी का इतिहास।
लैटिन अमेरिका, सब सहारा अफ्रीका, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे गर्म इलाकों में कॉफ़ी का उत्पादन होता है। यूरोप में 16वीं और 17वीं सदी में कॉफी लोकप्रिय हुई थी।
कहा जाता है कि कॉफ़ी की खेती यमन के लोगों ने की थी। वे इसे 'कहवा' कहते थे। बाद में इसी शब्द से कॉफी और फिर कैफे शब्दों का जन्म हुआ। यह भी कहा जाता है कि यमन में सूफ़ी संत ईश्वर का ध्यान लगाते समय इसका इस्तेमाल करते थे। बाद में सीरियाई शहर अलेप्पो और इस्तांबुल में भी यह चर्चा में आई। एक समय ऐसा भी आया जब कॉफी पर प्रतिबंध लग गया था।
कॉफी पीने पर सजा ए मौत : यह प्रतिबंध मक्का, काहिरा और इस्तांबुल में धार्मिक संगठनों ने लगायया था। उनका आरोप था कि कॉफी हाउस मयखानों से भी ज्यादा खराब है। 1623-40 में मुराद के राज में कॉफी जाने वाले लोगों के लिए सज़ा-ए-मौत का भी ऐलान कर दिया गया था। लेकिन फिर भी लोगों ने कॉफी पीना बंद नहीं किया।
भारत में सबसे ज्यादा कॉफी प्रोडक्शन : रिपोर्ट बताती है कि 17वीं शताब्दी की शुरुआत में ईस्ट इंडिया कंपनी और डच ईस्ट इंडिया कंपनी कॉफी की सबसे बड़ी खरीदार बन गई थीं। यह भी माना जाता है कि मुस्लिम संत बाबा बुदान हज की यात्रा से लौटते वक्त यमन से कॉफी के सात बीज अपनी कमर में बांधकर भारत लाए थे। इसके बाद भारतीयों ने पहली बार कॉफी का स्वाद लिया। आज भारत में और खासतौर से कनार्टक राज्य में सबसे ज्यादा कॉफी का उत्पादन होता है।
Edited: By Navin Rangiyal