Festival Posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

पहाड़ी इलाकों में ही क्यों फटते हैं बादल, समझिए क्या है इसके पीछे विज्ञान

Advertiesment
हमें फॉलो करें बादल फटना

WD Feature Desk

, सोमवार, 30 जून 2025 (17:54 IST)
why do clouds burst on mountains: भारत के पहाड़ी इलाकों में हर साल मॉनसून के दौरान बादल फटने (cloudburst) की खबरें आम हैं। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में यह घटना अक्सर देखने को मिलती है, जिसके चलते भारी जान-माल का नुकसान होता है। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है, सड़कें टूट जाती हैं, और कभी-कभी तो पूरा गांव ही इसकी चपेट में आ जाता है। हाल ही में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में अचानक बादल फटने से भयंकर बाढ़ जैसी स्थिति बन गई।  लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर पहाड़ों में ही बादल फटने की घटना क्यों होती है? बादल फटते कैसे हैं? और क्या इसमें कोई सच्चाई है कि बादल फटने पर आसमान से एक ही बार बहुत सारा पानी जमीन पर गिरता है? आइए इन सभी सवालों के जवाब विस्तार से जानते हैं।

बादल फटना क्या है? (What is Cloudburst?)
सबसे पहले, यह समझना जरूरी है कि बादल फटना क्या है। यह कोई ऐसी घटना नहीं है जिसमें सचमुच कोई बादल फट जाता है। विज्ञान की भाषा में, बादल फटना एक अत्यंत तीव्र वर्षा को संदर्भित करता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, जब किसी क्षेत्र में प्रति घंटे 100 मिलीमीटर या उससे अधिक वर्षा होती है, तो उसे बादल फटना (cloudburst) माना जाता है। यह अक्सर एक छोटे से भौगोलिक क्षेत्र में सीमित समय के लिए होता है। इसे सामान्य बारिश से अलग करती है इसकी तीव्रता और सीमित क्षेत्र में इसका प्रभाव।

बादल फटने के कारण (Reasons for Cloudburst)
अब बात करते हैं बादल फटने के कारण की। बादल फटने की घटना के लिए कई कारक जिम्मेदार होते हैं:
1. गर्मी और नमी: गर्म और नम हवा ऊपर उठती है और ठंडी होकर बादलों का निर्माण करती है। जब हवा में अत्यधिक नमी होती है, तो बड़े-बड़े Cumulonimbus बादल बनते हैं, जो भारी बारिश के लिए जिम्मेदार होते हैं।
2. स्थानीयकृत संवहन (Localized Convection): पहाड़ों की जटिल स्थलाकृति स्थानीय स्तर पर तीव्र संवहन धाराओं को जन्म देती है। ये धाराएं बादलों के भीतर नमी को तेजी से ऊपर उठाती हैं, जिससे उनमें पानी की मात्रा बहुत बढ़ जाती है।
3. गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव: जब बादलों में पानी की मात्रा इतनी अधिक हो जाती है कि वे उसे और रोक नहीं पाते, तो गुरुत्वाकर्षण के कारण वह अचानक और भारी मात्रा में नीचे गिर जाता है। यह एक साथ बहुत सारा पानी गिरने जैसा महसूस होता है, लेकिन यह किसी बादल के फटने जैसा नहीं होता है, बल्कि अत्यधिक तीव्रता से हुई वर्षा होती है।

पहाड़ों में ही बादल क्यों फटते हैं? (Why Cloudbursts Happen Only in Mountains?)
इसका मुख्य कारण "उठावदार हवा" (Orographic Lift) है। मैदानी इलाकों में हवा को ऊपर उठने के लिए पहाड़ों जैसा अवरोध नहीं मिलता, जिससे नमी युक्त हवा धीरे-धीरे ऊपर उठती है और बारिश सामान्य होती है। वहीं, पहाड़ों की खड़ी ढलानें नमी से लदी हवा को तेजी से ऊपर धकेलती हैं, जिससे बादलों में पानी का जमाव बहुत तेजी से होता है और वे अचानक भारी वर्षा के रूप में नीचे गिरते हैं। इसके अलावा, पहाड़ों की संकरी घाटियां और जटिल भूभाग भी पानी के तेजी से बहाव और बाढ़ का कारण बनते हैं, जिससे बादल फटने से नुकसान और भी बढ़ जाता है।
ALSO READ: प्री-मॉनसून और मॉनसून में क्या होता है अंतर, आसान भाषा में समझिए

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Amarnath Yatra 2025 New Advisory : अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस की नई एडवाइजरी, बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जा रहे हैं तो जरूर पढ़ें