बीकानेर। राजस्थान में बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस द्वारा बीकानेर संसदीय क्षेत्र में सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी मदनगोपाल मेघवाल को प्रत्याशी बनाए जाने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
मदनगोपाल मेघवाल को कांग्रेस ने केन्द्रीय कार्पोरेट मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के खिलाफ उतारा है, जो उनके मौसेरे भाई हैं। अर्जुनराम मेघवाल और मदनगोपाल मेघवाल की माताएं सगी बहनें हैं। लिहाजा जैसे-जैसे चुनाव प्रचार में रंगत आएगी, इस संसदीय क्षेत्र में इन दोनों मौसेरे भाइयों का मुकाबला दिलचस्प एवं रोचक होता जाएगा। ये दोनों ही अधिकारी रहे हैं।
वर्ष 2009 में अर्जुनराम मेघवाल भारतीय प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति लेकर राजनीति में आए। उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और उसी वर्ष हुए चुनाव में वह भाजपा की ओर से चुनाव लड़े और सांसद चुने गए। वर्ष 2009 में ही संसदीय क्षेत्रों का जब पुनर्गठन किया गया, तब बीकानेर सीट सामान्य से अनुसूचित जाति वर्ग में आ गई थी। पहले चुनाव में ही अर्जुनराम मेघवाल ने दमदार जीत हासिल की।
वर्ष 2014 के चुनाव में वह फिर से विजयी हुए और केन्द्रीय वित्त राज्यीमंत्री बने। बीकानेर संसदीय क्षेत्र भाजपा का पुराना गढ़ है। अर्जुनराम मेघवाल से पहले बॉलीवुड के ख्यातिनाम अभिनेता धर्मेन्द्र यहां से सांसद चुने गए थे। भाजपा ने तीसरी बार अर्जुनराम पर इस बार दांव खेला है, जबकि भाजपा के ही दबंग नेता और सात बार विधायक रहे देवीसिंह भाटी उनके लिए खतरा बने हुए हैं। दोनों में छत्तीस का आंकड़ा है। ऐसे में कांग्रेस ने उनके मौसेरे भाई मदनगोपाल को मैदान में उतारकर उनकी मुश्किलों में इजाफा कर दिया है।
पूर्व आईपीएस मदनगोपाल ने पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव से पहले वीआरएस ले लिया था। उन्होंने विधानसभा चुनाव में बीकानेर जिले में खाजूवाला सीट से कांग्रेस का टिकट मांगा था। वह श्रीगंगानगर जिले में रायसिंहनगर सुरक्षित सीट से भी वे चुनाव लडऩा चाह रहे थे लेकिन उन्हें तब टिकट नहीं मिल पाया।