अजमेर में जियारत करेंगे जरदारी

Webdunia
सोमवार, 2 अप्रैल 2012 (00:40 IST)
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अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की मजार पर जाने से पहले आठ अप्रैल को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी नई दिल्ली में दोपहर के भोजन पर प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह से मुलाकात करेंगे।

वर्ष 2005 में पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुर्शरफ के नई दिल्ली दौरे के बाद यह पड़ोसी देश के राष्ट्राध्यक्ष का पहला दौरा होगा।

राष्ट्रपति के प्रवक्ता फराहतुल्ला बाबर ने रविवार को बताया कि राष्ट्रपति ने आठ अप्रैल को अजमेर जाते वक्त नई दिल्ली में दोपहर का भोजन करने का भारत के प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। बाबर ने बताया कि जरदारी राजस्थान के अजमेर स्थित ‘ख्वाजा गरीब नवाज’ की निजी यात्रा पर भारत जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति उसी दिन इस्लामाबाद लौट आएंगे।

अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने जरदारी की अजमेर यात्रा को गुप्त रखा था क्योंकि यह ‘पूरी तरह से निजी’ मामला है। यात्रा की योजना के बारे में जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि माना जा रहा है कि यह यात्रा राजनीतिक एवं कूटनीतिक विषयों से दूर रहेगी, लेकिन चूंकि इसमें राष्ट्रपति शामिल हैं इसलिए भारतीय नेताओं के साथ कुछ बैठकों की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता। राष्ट्रपति कार्यालय के एक सहयोगी अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि जरदारी की अजमेर की यात्रा पिछले करीब एक साल से प्रस्तावित है।

उसने कहा कि इस दौरे की योजना पिछले साल से प्रस्तावित है क्योंकि राष्ट्रपति अजमेर में दरगाह की जियारत करना चाहते हैं। जरदारी की भारत यात्रा का उद्देश्य पूरी तरह से धार्मिक है, लेकिन भारत सरकार उनके एक दिवसीय दौर पर कुछ राजनीतिक चर्चा शामिल करने की संभावना तलाश रही है।

दिल्ली में सूत्रों ने कहा कि अभी तक यह दौरा पूरी तरह से धार्मिक उद्देश्यों के लिए है, लेकिन प्रयास किए जा रहे हैं कि जरदारी के एक दिवसीय दौरे पर कुछ राजनीतिक चर्चा भी हो सके। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह से अंतिम बार मुलाकात वर्ष 2009 में रूस में एससीओ सम्मेलन के इतर की थी।

सू़त्रों का मानना है कि जैसा कि भारत-पाकिस्तान रिश्तों में होता है, जरदारी के यात्रा की तारीख आते-आते कई फैसले किये जाएंगे। इस यात्रा की योजना भारत और पाकिस्तान की ओर से विशेष रूप से व्यापार के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के लिए उठाए गए कई कदमों की पृष्ठभूमि में हो रही है। पाकिस्तान ने हाल में व्यापार के लिए निषेधात्मक सूची लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए अगले वर्ष के शुरू तक भारत को सबसे तरजीही राष्ट्र का दर्जा देने के लिए मार्ग प्रशस्त कर दिया है।

जरदारी के अंधविश्वास और आध्यात्मिक मान्यताओं के बारे में पाकिस्तानी मीडिया ने काफी रिपोर्टें प्रकाशित हुई हैं। उनके रस्मों में उन्हें बुरी ताकतों से बचाने के लिए काले बकरे की कुर्बानी शामिल है।

राष्ट्रपति कार्यालय में राष्ट्रपति के साथ एक ‘पीर’ भी रहते हैं। पीर मोहम्मद एजाज को उनके कई आधिकारिक कार्यक्रमों में देखा जा चुका है। एजाज ने हाल में मीडिया को बताया कि वह जरदारी के साथ गत नौ वर्ष से रह रहे हैं। (भाषा)

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