अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने एकमात्र लिंग निर्धारण के मकसद से गर्भपात कराने वाले डॉक्टरों पर जुर्माना लगाने और जेल की सजा का प्रावधान करने संबंधी विधेयक को खारिज कर दिया है।
' द प्रीनेटल नानडिस्क्रिमिनेशन एक्ट' सदन में 168 मतों के मुकाबले 246 मतों से खारिज हो गया। मानवाधिकार संगठनों और महिला संगठनों ने इस विधेयक का खुला विरोध किया था।
व्हाइट हाउस ने भी विधेयक पेश किए जाने के इस प्रकार के कदम का विरोध किया था। व्हाइट हाउस का तर्क था कि एशिया, विशेष रूप से चीन और भारत जैसे देशों से आने वाले प्रवासी चुनिंदा लैंगिक गर्भपात कराने में शामिल रहते हैं।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे. कार्नी ने कहा कि प्रशासन सभी रूपों में लैंगिक भेदभाव का विरोध करता है, लेकिन इस विधेयक का नतीजा यह होता है कि इस प्रकार के गर्भपात को अंजाम देने वाले डॉक्टर यदि बेहद निजी फैसलों के मकसद का पता लगाने में विफल रहते तो उन्हें आपराधिक प्रक्रिया का सामना करना पड़ता।
उन्होंने कहा कि हम एक बार फिर सभी मामलों में लैंगिक भेदभाव का विरोध करते हैं। इस मामले में हमारा रिकॉर्ड एकदम साफ है। राष्ट्रपति का रिकॉर्ड पूरी तरह साफ है। (भाषा)
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