कामोत्तेजना का चरम बिंदु ही ‍सारा की बीमारी

संदीप तिवारी
महिलाओं, लड़कियों के लिए चरम उत्तेजना के यौन सुख की प्राप्ति उनके शरीर और मन की सारी इच्छाओं का साकार रूप हो सकता है। विवाहित या ‍अविवाहित जीवन के नितांत निजी क्षणों में इसे पाने की आकांक्षा सर्वाधिक प्रबल होना स्वाभाविक है, लेकिन किसी भी महिला द्वारा प्रतिदिन कम से कम दो सौ बार इसका अनुभव करना क्या ईर्षा का विषय नहीं हो सकता है? पर जिसे यह अनुभव एक बीमारी के तौर पर मिल गया हो, वह महिला इस तरह के अनुभव के बारे में क्या सोचती है?

लंदन की 25 वर्षीया सुंदर सारा कार्मेन दुनिया की ऐसी विलक्षण सुंद‍री हैं, जिन्हें यह अनुभव लगभग प्रतिदिन और साधारण-सी बात हो गई है। कहना गलत न होगा कि इस तरह के बारंबार अ‍नुभव से उन्हें काफी परेशानी भी होती है।

रेल की पटरियों पर दौड़ती ट्रेन की आवाज या इसकी सीटी, हेअर ड्रायर की आवाज, फोटो कॉपियर मशीन की लगातार धीमी आवाज हो या साधारण-सी अन्य कोई घटना, कुछ भी उन्हें यौन सुख के चरमोत्कर्ष तक पहुँचाने के लिए काफी है।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष न्यूज ऑफ द वर्ल्ड ने उनकी इस विचित्र बीमारी के बारे में जानने के लिए 40 मिनट तक का साक्षात्कार किया पर इस साक्षात्कार के दौरान ही उन्हें पाँच बार यह अनुभव हुआ। हालाँकि उस समय वे अपनी सेक्स लाइफ के बारे में ही बात कर ही थीं। पर यह सब स्वाभाविक नहीं है, क्योंकि 25 वर्षीय सारा एक बीमारी से पीड़ित हैं, जिसका नाम है परमानेंट सेक्सुअल अरूजल सिंड्रोम (पीएसएएस)।

इस बीमारी के चलते होता यह है कि पीडि़त व्यक्ति के यौन अंगों में रक्त प्रवाह अचानक बढ़ जाता है और उसे चरम सुख का अनुभव होता है। अपनी इस बीमारी से होने वाली सुखद पीड़ा को शांत करने के लिए उन्होंने कई बार पुरुषों के साथ सहवास किया, लेकिन यह अनुभव भी उनके लिए असफल और उबाऊ साबित हुआ। बेचारे जिन पुरुषों को उनके साथ संसर्ग के मौके मिले वे भी निराश ही हो गए क्योंकि उनके पास भी करने को कुछ था ही नहीं।

अकसर ही ऐसा होता है कि वे किसी से कहीं भी बात करते समय परेशानी और उलझन का अनुभव करती हुई कहती हैं कि माफ कीजिए, मैं एक मिनट के लिए आपसे दूर जा रही हूँ। जल्दी ही मैं आपसे फिर मिलती हूँ। एक लंबी साँस खींचने के बाद वे फिर स्वाभाविक अनुभव करती हैं। तब तक उन्हें यह अनुभव हो चुका होता है।

सारा का कहना है कि 19 वर्ष की आयु में उन्होंने अवसादरोधी गोलियों का सेवन किया था, पर उन गोलियों के प्रभाव से उनकी यह हालत हो गई। कुछेक सप्ताहों में तो ऐसी हालत हो गई कि उन्हें बारंबार यौन उत्तेजना के चरम का अनुभव होने लगा। ऐसा भी समय आया जब उनके बॉयफ्रेंड के साथ समय बिताने के बावजूद उन्हें इसका लगातार अनुभव होता रहा।

मात्र छह महीनों में तो ऐसी स्थिति आ गई कि यौन क्रियाओं के मात्र सोचने से उन्हें यह अनुभव होने लगे और एक दिन में 150 बार तक ऐसा अनुभव होने लगा, जबकि अब स्थिति यह है कि वे दिन में प्रतिदिन कम से कम 200 बार ऐसा अनुभव करती हैं।

इस स्थिति की शुरुआत में ही उनका पुरुष मित्र उन्हें छोड़ गया और जो नए सहयोगी आए वे भी इस समस्या का सामना करते रहे। कभी कभी तो वे खुद चाहती थीं कि जहाँ तक संभव हो इस तरह के अनुभवों को जल्दी-जल्दी और लगातार प्राप्त करें, ताकि ये रुक जाएँ और उन्हें कुछ समय के लिए इनसे मुक्ति मिल सके, लेकिन ऐसा भी संभव नहीं हो सका।

तब उन्होंने सब कुछ प्रकृत‍ि पर छोड़ दिया। वे एक ब्यूटीशियन हैं और सैलूनों में काम करते समय हेअर ड्रायर्स की आवाज तथा त्वचा की देखभाल के उपयोग में आने वाले उपकरणों की आवाज से उन्हें समस्या पैदा होती है। वे कहती हैं कि काम करते-करते जब वे खाँसने लगें और बाथरूम की ओर भागने लगें तो उनके साथ काम करने वाली लड़कियाँ समझ जाती हैं कि ग्राहक को कोई पत्रिका पकड़ा दी जाए या उन्हें चाय पीने को दे दी जाए।

उनकी इच्छा होती है कि काश ऐसा हो कि वे भी सामान्य जीवन जी पाएँ। उनके सैलून में नियमित तौर पर आने वाले ग्राहकों को तो उनकी समस्या के बारे में पता है, लेकिन जब ग्राहक नया हो तो समस्या हो जाती है। कभी-कभी वे ट्रीटमेंट कर रही होती हैं और ठीक मध्य में उन्हें यह अनुभव होता है, लेकिन फिर भी उन्हें अपना काम लगातार करते रहना पड़ता है।

सारा बताती हैं कि वे एक बार बिकनी वैक्स कर रही थीं, जिसके लिए काफी एकाग्रता जरूरी होती है। साथ ही हाथों को भी स्थिर रखना पड़ता है, ले‍क‍िन जब-जब उन्हें ऐसा अनुभव होता है तो वे यह दर्शाने की कोशिश करती हैं कि उनके पैर की माँसपेशियों में तेज दर्द हो रहा है अथवा वे पैर के किसी हिस्से को दबाकर छटपटाना शुरू कर देती हैं, ताकि इसमें उनकी सिस‍कारियाँ दब जाएँ। यह सब तब तक चलता रहता है जब तक कि शारीरिक प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।

उनके बारे में मित्र सोचते हैं कि वे बहुत भाग्यशाली हैं, लेकिन उनके परिजनों का सोचना है कि उनका व्यवहार कुछ विचित्र ही है। गौरतलब है कि यह बात उन्होंने अपने माता-पिता को भी नहीं बताई है कि उनके एकाएक चिल्लाने और असंयमित होने का असल कारण क्या है? इस कारण से सार्वजनिक स्थानों पर भी समस्या पैदा हो जाती है।

सारा तेज शोरशराबे वाले नाइट क्लबों और पब में भी नहीं जा सकती हैं, क्योंकि तेज आवाजें उन्हें अधिक उत्तेजित कर देती हैं। इसलिए वे ऐसे बार या होटलों में जाना पसंद करती हैं, जहाँ अपेक्षाकृत शांति रहती हो। यदि कुछ पी लेती हैं तो अनुभवों की संख्‍या बढ़ जाती है, इसलिए ब‍ियर, शराब बहुत कम मात्रा में ही पीती हैं।

कारण? अगर वे नशे में हों और जो लोग उन्हें जानते न हों तथा बात करने लगें तो उन्हें अपन‍ी शारीरिक प्रक्रिया को दबाना बहुत कठिन हो जाता है। एक बार उनके साथ ऐसी स्थिति आ ही गई। वे एक बाजार का सर्वे करने वाली रिसर्चर के सामने कुछ प्रश्नों का जवाब दे रही थीं, लेकिन अचानक ही उन्हें रिसर्चर के सामने ही विचित्र स्थिति का सामना करना पड़ा।

वह सर्वेक्षण करने वाली समझ गई कि माजरा क्या है, लेकिन उसने भी ऐसे दर्शाया मानो कि वह कोई विचित्र प्राणी हों लेकिन वे जब उसे सारी बात नहीं समझा पाईं तो शरमाकर भाग खड़ी हुईं। अपनी इस विचित्र स्थिति से छुटकारा पाने के लिए सारा ने सेक्स एडिक्ट्‍स ऐनॉनिमस जैसी संस्थाओं की बैठकों में भी भाग लिया और अपनी समस्या बताई।

इसलिए जब यह समस्या शुरू हुई तो उन्होंने समझा कि वे एक सेक्स एडिक्ट (सेक्स की बहुत अधिक आदी) व्यक्ति हैं। दूसरे लोगों की कहानियाँ सुनकर उन्हें लगा कि उन्हें अधिकाधिक सेक्स करना चाहिए, लेकिन उन्हें इस बात का अनुभव हुआ कि वे सेक्स को लेकर बेचैन और परेशान नहीं रहती हैं। इस बारे में उन्होंने डॉक्टरों की भी राय ली और पाया ‍कि वे भी उनके लिए उपयोगी नहीं थीं।

थक-हारकर सारा को यह बात भी समझ में आ गई कि यह एक बीमारी है, जो कि समय के साथ चली भी जाएगी लेकिन तब तो उन्हें इस बीमारी के साथ जीना है। पर वे मानती हैं कि यह उनके लिए शर्म या अपमान की बात नहीं है, क्योंकि उत्तेजना और एकाएक अपने आप होने वाली शारीरिक प्रक्रिया अब उन्हें भी निरापद लगने लगी है।

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