यरुशलम। उत्तरी इसराइल में यहूदियों के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन के दौरान शुक्रवार तड़के भगदड़ मचने से कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई है तथा 100 से अधिक लोग घायल हो गए। मीडिया ने यह जानकारी दी। माउंट मेरोन में वार्षिक धार्मिक आयोजन लाग बी'ओमर में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे।
इस दौरान पूरी रात अलाव जलाया जाता है, प्रार्थनाएं होती हैं और नृत्य का आयोजन होता है। इसी शहर में दूसरी सदी के संत रब्बी शिमोन बार योचाई का मकबरा है और इसे यहूदियों के सबसे बड़े धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। पुलिस के सूत्रों ने बताया कि कुछ लोगों के सीढ़ियों से फिसलकर गिरने के कारण भगदड़ मची, जिससे कई लोग एक के ऊपर एक गिरते गए।
इसराइल की राष्ट्रीय आपात सेवा मेगन डेविड एडम (एमडीए) ने बताया कि घटना में करीब 40 लोगों की मौत हुई है और 103 लोग भगदड़ में घायल हुए हैं। एमडीए ने बताया कि करीब 44 लोगों की हालत नाजुक है और घटनास्थल से घायलों को निकालने के लिए कई एम्बुलेंस और 6 हेलीकॉप्टर मंगाए गए हैं। देश के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे 'बड़ी त्रासदी' बताते हुए हर किसी से पीड़ितों के लिए प्रार्थना करने की अपील की है।
घटनास्थल के पास ही एक अस्पताल बनाया गया है।
इसराइल पुलिस और इसराइल की सेना (आईडीएफ) के जवान घायलों को निकालने और भीड़ को हटाने के काम में जुटे हैं। मीडिया में आई खबर के अनुसार घटनास्थल पर हजारों लोगों के अपने परिवार और आपात सेवाओं से संपर्क करने के कारण फोन सेवा ठप पड़ गई। घटना के बाद रब्बी शिमोन बार योचाई के मकबरे में घुसने का प्रयास कर रहे लोगों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई।
घटना के कुछ देर बाद पुलिस ने इलाके में यातायात बंद कर दिया और घटनास्थल से लोगों को निकालना शुरू किया। इलाके में घनी आबादी होने के कारण बचावकर्मियों को लोगों को निकालने में मुश्किलें आ रही हैं।
आपात चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने वाले स्वयंसेवी संगठन यूनाइटेड हतजालाह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एली पोलाक ने 'द यरुशलम पोस्ट' को बताया कि घटना उस वक्त हुई जब बड़ी संख्या में लोग एक तंग परिसर में जमा होने लगे।
पोलाक ने कहा कि लोग आयोजन को लेकर काफी खुश थे कि कोरोना वायरस से एक साल जूझने के बाद आखिरकार यह आयोजन हो रहा था। 'टाइम्स ऑफ इसराइल' के अनुसार आयोजकों का अनुमान है कि बृहस्पतिवार रात करीब एक लाख लोग आयोजन स्थल पहुंचे थे और कई लोग शुक्रवार को आने वाले थे।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने राहत एवं बचाव अधिकारियों से घटनास्थल पर अपनी मौजूदगी बढ़ाने को कहा है। देश के राष्ट्रपति रुवेन रिवलिन ने पीड़ितों के प्रति संवेदना प्रकट की है। घटना के संबंध में इसराइल पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। (भाषा)