नई दिल्ली। भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा से 72 सांसद रिटायर हो रहे हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विदाई संबोधन में सांसदों को भावुक संदेश दिया।उन्होंने सांसदों से आग्रह भी किया कि वे अपने अनुभव देशवासियों के साथ साझा करें और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करें। उन्होंने कहा, मैं रिटायर हो रहे सदस्यों से कहूंगा कि लौट कर आना...
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों के बेहतर भविष्य की कामना करते हुए बृहस्पतिवार को उनसे आग्रह किया कि वह उच्च सदन की चारदीवारी में मिले अनुभवों को चारों दिशाओं में ले जाएं और अपने योगदानों को कलमबद्ध कर देश की भावी पीढ़ी को प्रेरित भी करें।
प्रधानमंत्री ने सेवानिवृत्त हो रहे सांसदों के लिए दिए गए अपने विदाई भाषण में उच्च सदन में कहा कि जो सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं उनके पास अनुभव की बहुत बड़ी पूंजी है और कभी-कभी अनुभव की ताकत ज्ञान से ज्यादा होती है।
उन्होंने कहा कि ज्ञान की तो अपनी सीमाएं होती हैं, वह सम्मेलनों में काम भी आता है लेकिन अनुभव से जो प्राप्त होता है, उसमें जटिल समस्याओं के समाधान के लिए सरल उपाय होते हैं। उन्होंने कहा, भले ही हम इन चार दीवारों से निकल रहे हैं लेकिन इस अनुभव को राष्ट्र के सर्वोत्तम हित के लिए चारों दिशाओं में ले जाएं। चारों दीवारों में पाया हुआ सब कुछ चारों दिशा में ले जाएं। यह हम सबका संकल्प रहे।
उन्होंने कहा कि अनुभव से गलतियों में कमी आती है। प्रधानमंत्री ने कहा, सदस्यों का अनुभव देश की समृद्धि में बहुत काम आएगा क्योंकि उन्होंने एक लंबा समय सदन की चारदीवारी में बिताया है। इस सदन में हिंदुस्तान की कोने-कोने की भावनाओं का प्रतिबिंब दिखता है और वेदना के साथ उमंग का एक प्रवाह बहता रहता है।
प्रधानमंत्री ने सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों से फिर लौटने को कहा और आग्रह किया कि अपने कार्यकाल के दौरान सदस्यों ने सदन में जो महत्वपूर्ण योगदान दिया और उस योगदान ने देश को आकार और एक दिशा देने में भूमिका निभाई है तो वे उसे जरूर कलमबद्ध करें।
उन्होंने कहा, मैं चाहूंगा कि उन स्मृतियों को आप कहीं ना कहीं लिखें ताकि कभी न कभी वह आने वाली पीढ़ियों के काम आए। हर किसी ने कुछ न कुछ कोई योगदान दिया होगा, जिसने देश को दिशा देने में बहुत बड़ी भूमिका निभायी होगी। हम इसको अगर संग्रहित करेंगे तो हमारे पास एक मूल्यवान खजाना होगा।
देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर मनाए जा रहे आजादी का अमृत महोत्सव का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महापुरुषों ने देश के लिए बहुत कुछ दिया है, अब देने की जिम्मेदारी हमारी है। उन्होंने सदस्यों से अनुरोध किया कि आजादी के अमृत महोत्सव के पर्व को माध्यम बनाकर वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने में अपना योगदान दें।
उन्होंने सदस्यों से कहा, आपके इस योगदान से देश को बहुत बड़ी ताकत मिलेगी। देश को लाभ मिलेगा। मैं सभी साथियों को बहुत शुभकामनाएं देता हूं। सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों में कांग्रेस के एके एंटनी, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, कपिल सिब्बल, भारतीय जनता पार्टी के सुरेश प्रभु, सुब्रमणियम स्वामी, बहुजन समाज पार्टी के सतीशचंद्र मिश्रा, शिवसेना के संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल आदि शामिल हैं।
सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों में निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह जैसे मंत्री भी हैं। मनोनीत सदस्यों एमसी मैरीकॉम, स्वप्न दासगुप्ता और नरेंद्र जाधव का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है।