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राज्यसभा में उठा प्रचंड गर्मी का मुद्दा, आवश्यक कदम उठाने की मांग

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, सोमवार, 21 मार्च 2022 (17:14 IST)
नई दिल्ली। राज्यसभा में सोमवार को सदस्यों ने मार्च महीने से ही गर्मी का प्रकोप शुरू होने, कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 रोधी टीकों की एहतियाती खुराक को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश न होने और ऑनलाइन खेलों के बढ़ते प्रचलन पर चिंता जताई और सरकार से इन विषयों को लेकर आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया।

शून्यकाल में भारतीय जनता पार्टी के विकास महात्मे ने भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा कुछ राज्यों में लू को लेकर जारी की गई चेतावनी का उल्लेख करते हुए कहा कि मार्च के महीने में ही लोग प्रचंड गर्मी का प्रकोप झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे गरीब और किसान सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।

उन्होंने कहा, सिर्फ चेतावनी जारी करना ही काफी नहीं है। सरकार को चाहिए कि वह राज्यों को एक दिशा-निर्देश जारी करे कि उन्हें बचाव के लिए क्या-क्या उपाय करने चाहिए। सरकार को सभी राज्यों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया भी जारी करनी चाहिए।

सभापमि एम वेंकैया नायडू ने भी मौसम में अचानक आए इस बदलाव पर चिंता जताई और कहा कि यह एक गंभीर मामला है। उन्होंने कहा, मार्च में इतनी गर्मी है तो आगे क्या होगा? उन्होंने राज्यसभा में भाजपा के उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी से कहा कि सरकार को इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने चाहिए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की वंदना चव्हाण ने भी मौसम के इस रुख पर चिंता जताई।
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शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए कोविड-19 रोधी टीकों की एहतियाती खुराक लेने को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश ना होने पर चिंता जताई और कहा कि सरकार ने इस बारे में अभी तक कोई नीति निर्धारित नहीं की है।

उन्होंने कहा, इसके अभाव में विदेश जाने वाले भारतीयों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कई यूरोपीय देशों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और ऐसे में भारत में बूस्टर खुराक को लेकर एक नीति होनी चाहिए।

चतुर्वेदी ने कहा कि देश में एक दौर वह भी था जब टीकों की कमी थी और लोग समय पर टीका नहीं लगा पा रहे थे। उन्होंने कहा, अब टीके भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं लेकिन इसके बावजूद 60 वर्ष से नीचे के लोगों को एहतियाती खुराक देने के लिए कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करना चाहिए ताकि 60 वर्ष से कम उम्र के लोगों को बूस्टर खुराक लग सके।

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के तिरुची शिवा ने विशेष उल्लेख के माध्यम से बच्चों व युवाओं में ऑनलाइन गेम के बढ़ते प्रचलन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बच्चों व युवाओं में यह लत तेजी से बढ़ रही है और इस खेल में पैसे गंवाने के बाद आत्महत्या करने के मामले भी सामने आए हैं। उन्होंने कहा, ऐसे ऑनलाइन गेम पर देशभर में प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की फौजिया खान ने बच्चों में प्रारंभिक शिक्षा के प्रभाव पर हुए एक अध्‍ययन का हवाला देते हुए कहा कि प्री-स्कूल और प्रारंभिक स्तर पर बच्चों की सहभागिता अस्थिर है। उन्होंने कहा कि इसमें शिक्षा के अधिकार कानून, 2009 और राष्ट्रीय प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा नीति 2013 के तहत आवश्यक दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के हाल के आंकड़े बताते हैं कि इसमें शामिल हुए 12.7 लाख उम्मीदवारों में सिर्फ 33 प्रतिशत ही प्रारंभिक शिक्षक की परीक्षा पास कर सके। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वी शिवदसान ने सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों में रिक्त पदों को न भरे जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि दिसंबर, 2021 में भारत में 5.3 करोड़ लोग बेरोजगार हैं।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों के निजीकरण से बेरोजगारी की समस्या और गंभीर होगी। उन्होंने सरकार को श्रम और औद्योगिक नीति में बदलाव की मांग की। भाजपा के अशोक वाजपेयी ने लखनऊ स्थित स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताते हुए सरकार से आग्रह किया कि वह इसे इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के केंद्र के रूप में विकसित कर सकती है।

उन्होंने कहा कि कंपनी के पास पर्याप्त जमीन और अन्य बहुत सारे उपकरण भी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार वैसे भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में सरकार ‘पीपीपी मोड’ में इसका विकास कर सकती है। समाजवादी पार्टी के रेवती रमण सिंह ने पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि हिमालय के दोहन और बाजारीकरण से इसका पूरा स्वरूप बदल रहा है और इसका पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

उन्होंने चार धाम यात्रा के लिए जारी विकास कार्यों के दौरान बड़ी संख्या में पेड़ों को काटे जाने का मामला भी उठाया और सरकार से हिमालय के संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया। जनता दल (यू) के रामनाथ ठाकुर ने समस्तीपुर में हवाई अड्डा बनाने की मांग की।

वहीं भाजपा के कैलाश सोनी ने कहा कि देश में आपातकाल के बाद 21 मार्च 1977 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नेतृत्व में लोकतांत्रिक सरकार का गठन हुआ था, लिहाजा इस दिन को लोकतंत्र विजय दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की जानी चाहिए। भाजपा के ही सुशील मोदी ने ‘जीएसटी’ की तर्ज पर देशभर में बिजली दरों को एक करने के लिए एक देश, एक बिजली दर की नीति बनाने की मांग की।

शून्य काल और विशेष उल्लेख के तहत सदस्यों द्वारा लोक महत्व के सभी सूचीबद्ध मुद्दे उठाए जाने के मद्देनजर सभापति नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही 11 बजकर 47 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।(भाषा)

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