संयुक्त राष्ट्र। अफ्रीका की एक महिला ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों को निश्चित रूप से जलवायु परिवर्तन को एक सुरक्षा खतरा मानना चाहिए क्योंकि इसके चलते अतिवाद, संघर्ष एवं पलायन में इजाफा हो रहा है।
गौरतलब है कि कई अफ्रीकी देशों के लोगों को भोजन एवं पानी की तलाश में खानाबदोश जीवन व्यतीत करना पड़ता है। हिंडू इब्राहिम ने बुधवार को परिषद में अपने भाषण में कहा कि जलवायु परिवर्तन साहेल क्षेत्र में बड़े पैमाने पर लोगों के दैनिक जीवन को प्रभावित कर रहा है। यहां के लोग कृषि, मछली पालन और मवेशी पालन पर निर्भर हैं तथा वे अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि संसाधन की कमी ने आंतरिक पलायन के साथ अफ्रीका से यूरोप की ओर पलायन को बढ़ावा दिया है। इसके चलते स्थानीय संघर्ष बढ़े हैं, जो अब राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संघर्ष बन गए हैं और इसके चलते आतंकवादी समूह फलफूल रहे हैं।
हिंडू चाड की एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर इंटरनेशनल इंडीजिनस पीपुल फोरम की सह अध्यक्षता की। यह मंच जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की कार्रवाई का प्रचार करता है। उन्होंने परिषद एवं विशाल अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से इसके मुकाबले में मदद के लिए कार्रवाई का अनुरोध किया। (भाषा)