अमेरिका लगा सकता है रूस पर नए प्रतिबंध

Webdunia
शुक्रवार, 30 दिसंबर 2016 (22:43 IST)
वॉशिंगटन। अमेरिका की निवर्तमान बराक ओबामा प्रशासन राष्ट्रपति चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और नेताओं के सर्वरों और ई-मेलों की साइबर हैकिंग में रूसी संलिप्तता के कारण उसके खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पहले ही कथित रूसी हैकिंग की जांच की घोषणा कर चुके हैं। इसकी रिपोर्ट जनवरी की शुरुआत में आ सकती है। दूसरी ओर अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि प्रशासन को 'अपनी ओर से पूरी कोशिश करनी चाहिए और हर चीज का पता लगाना चाहिए।' अब तक ट्रम्प ने साइबर हमलों में रूसी भूमिका को मानने से इंकार किया है।
 
मीडिया में आई खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए रूस ने कहा है कि अमेरिका के इस प्रकार के किसी भी कदम को भड़काऊ माना जाएगा। इसके साथ ही रूस ने कार्रवाई की भी चेतावनी दी है। इन प्रतिबंधों में हैकिंग से जुड़े लोगों के नाम और सरकार के साथ करीबी संपर्क रखने वाले लोगों के नाम शामिल हो सकते हैं।
 
ओबामा ने रूस की दो खुफिया सेवाओं जीआरयू और एफएसबी के खिलाफ प्रतिबंध लगाया है। जीआरयू का सहयोग करने वाली कंपनियों को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। हालांकि रूसी अधिकारियों ने ओबामा प्रशासन के इस आरोप से इंकार किया है कि रूस की सरकार अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रही थी।
 
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने अमेरिकी कार्रवाई को गैरकानूनी बताते हुए समुचित जवाबी कार्रवाई का वादा किया। उसने यह सवाल भी किया कि क्या नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इन प्रतिबंधों पर मुहर लगाई है।
 
अमेरिकी खुफिया एजेंसियां इस निष्कर्ष पर पहुंची हैं कि डेमोक्रेटिक पार्टी संगठन और उसकी शाखाओं में हैकिंग के पीछे रुस का हाथ था। उन्होंने कहा कि रूसी साइबर हमलावरों का मकसद रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की जीत सुनिश्चित करना था। ट्रंप ने एजेंसियों के इस आकलन को खारिज कर दिया है।
 
गौरतलब है कि अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत शीर्ष नेतृत्व के प्रशंसक ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति का पद भार संभालने के बाद इन प्रतिबंधों को जारी रखते हैं या वापस ले लेते हैं। (वार्ता)
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