हसीना (76) ने बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ छात्रों और अन्य लोगों के भारी विरोध प्रदर्शन के बाद 5 अगस्त को इस्तीफा दे दिया था और भारत चली गई थीं। फखरुल के हवाले से डेली स्टार अखबार ने लिखा कि हमारी आपसे मांग है कि आपको उन्हें कानूनी तरीके से बांग्लादेश की सरकार के हवाले कर देना चाहिए। इस देश की जनता ने उन पर मुकदमे का फैसला किया है। उन पर मुकदमा चलने दें।
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पूर्व राष्ट्रपति और बीएनपी संस्थापक जिया-उर-रहमान की कब्र पर पुष्पचक्र चढ़ाने के बाद फखरुल ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि भारत उन्हें शरण देकर लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता नहीं निभा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां रहते हुए उन्होंने बांग्लादेश में हुई क्रांति को बाधित करने की अनेक साजिश रची हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala