आर्थिक संकट का सामना कर रहा पाकिस्तान पाई-पाई को मोहताज है। उसे धन की अत्यधिक जरूरत है। महंगाई चरम पर पहुंच चुकी है और जनता आटे-दाल के लिए तरस रही है। महंगाई दर बढ़कर 30 फीसदी से ऊपर पहुंच गई। पाकिस्तान अब कर्ज की जुगाड़ के साथ ही मितव्ययता पर भी जोर दे रहा है। इस मुश्किल घड़ी में उसे अपने सबसे करीबी मित्र चीन का साथ मिला है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से भी वित्तीय सहायता के लिए बातचीत का दौर जारी है। यह भी दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान बैकडोर से परमाणु हथियार बेचकर अपनी तंगी दूर कर सकता है।
खर्च में कटौती पर जोर : प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंत्रिमंडल की बैठक में आधिकारिक खर्च में कटौती करने के उपायों को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों और सलाहकारों ने स्वेच्छा से फैसला किया है कि वे सरकारी खजाने से वेतन या कोई अन्य लाभ नहीं लेंगे तथा अपने खर्चों के बिल का भुगतान करेंगे। मंत्रिमंडल के सदस्य लग्जरी कार का उपयोग नहीं करेंगे और विमान में इकोनॉमी श्रेणी में यात्रा करेंगे तथा विदेश यात्रा के दौरान पांच सितारा होटल में नहीं ठहरेंगे। सभी सरकारी अधिकारियों पर भी यह लागू होगा।
प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि संघीय सरकार के प्रत्येक विभाग के मौजूदा खर्च में 15 प्रतिशत की कटौती की जाएगी और प्रांतों को भी इसका अनुसरण करने तथा खर्चों में कटौती करने को कहा। नई कार सहित लग्जरी वस्तुओं की खरीद पर भी जून 2024 तक पाबंदी लगाई। अन्य उपायों में, गर्मियों के मौसम में सुबह साढ़े 7 बजे सरकारी कार्यालयों में कामकाज शुरू करना और सरकारी कार्यक्रमों में एक व्यंजन की नीति शुरू करना शामिल है। यह नीति विदेशी अतिथियों के लिए आयोजित कार्यक्रमों में लागू नहीं होगी।
नई भर्तियों पर रोक : पाकिस्तान सरकार ने नई भर्तियों पर भी रोक लगा दी है। शाहबाज सरकार ISI के फंड में कटौती की तैयारी कर रही है। अन्य देशों में कार्यरत कई दूतावास भी बंद किए जा सकते हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में मुफ्त बिजली पर रोक लग सकती है।
IMF ही बदल सकता है किस्मत : विदेशी भुगतान करने में नाकाम होने से बचने के लिए 7 अरब डॉलर के ऋण पैकेज के तहत आईएमएफ से 1.1 अरब डॉलर हासिल करने के लिए पाकिस्तान के झुकने के बीच ये उपाय किए गए हैं। ऋण कार्यक्रम की नौवीं समीक्षा पर समझौता होने के बाद पाकिस्तान को 1.1 अरब डॉलर जारी होगा। आईएमएफ के कार्यक्रम के बहाल होने पर पाकिस्तान के लिए ऋण पाने के और भी द्वार खुल जाएंगे।
पाकिस्तान को 70 करोड़ डॉलर का कर्ज देगा चीन : पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान को 70 करोड़ डॉलर कर्ज दिए जाने को मंजूरी दे दी है। यह राशि इस सप्ताह पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक को हस्तांतरित कर दी जाएगी।
चाइना डेवलपमेंट बैंक के निदेशक मंडल यह घोषणा पाकिस्तान की संसद नेशनल एसेंबली में आम सहमति से धन विधेयक के पारित होने के एक दिन बाद की है। कर राजस्व बढ़ाने के इरादे से धन विधेयक लाया गया। वित्तीय मदद को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की विभिन्न शर्तों में यह भी शामिल है।
डार ने कहा कि चाइना डेवलपमेंट बैंक के साथ सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं और कोष स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान को अंतरित किया जाएगा। इससे देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ेगा।
क्या परमाणु हथियार बेच सकता है पाकिस्तान : कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के पास 165 परमाणु हथियार हैं। सोशल मीडिया पर इन दिनों कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें मांग की जा रही है कि पाकिस्तान को अपने परमाणु हथियार बेचकर अपनी गरीबी दूर करनी चाहिए। हालांकि ऐसा माना जाता है कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियार चीन की मदद से तैयार किए हैं। वह चोरी छिपे तो इन हथियारों को ईरान, सऊदी अरब और तुर्की जैसे देशों को बेच सकता है पर खुले तौर पर वह ऐसा कोई कदम नहीं उठा सकता। यदि ऐसा हुआ तो ये दुनिया के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है। अवैध रूप से बेचे गए हथियार आतंकियों के हाथों में भी जा सकते हैं।
दूसरा श्रीलंका नहीं बनेगा पाकिस्तान : भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ कहा कि भारत इस मुश्किल घड़ी में पाकिस्तान की किसी भी तरह से मदद नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दूसरा श्रीलंका नहीं बनेगा। उल्लेखनीय है कि भारत ने ही 4.5 बिलियन की सहायता कर श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबरने में मदद की थी। जनवरी में भारत अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को श्रीलंका के ऋण पुनर्गठन के लिए अपना समर्थन पत्र सौंपने वाला पहला देश बन गया।
इमरान का जेल भरो आंदोलन : एक तरफ पाकिस्तान सरकार आर्थिक मोर्चे पर जूझ रही है तो दूसरी ओर उस पर राजनीतिक दबाव भी बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का जेल भरो आंदोलन बुधवार से शुरू हुआ। इसके तहत PTI के कार्यकर्ता रोज सड़क पर प्रदर्शन करेंगे और गिरफ्तारियां देंगे।