चंद्रयान-1 को मिली बड़ी सफलता, चंद्रमा पर मिला बर्फ

Webdunia
बुधवार, 22 अगस्त 2018 (00:59 IST)
वॉशिंगटन। नासा ने कहा कि वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-1 अंतरिक्षयान के आंकड़ों के आधार पर चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों के सबसे अंधेरे और ठंडे स्थानों पर जल के जमे हुए स्वरूप में उपस्थित होने की पुष्टि की है। भारत ने दस साल पहले इस अंतरिक्षयान का प्रक्षेपण किया था।
 
 
सतह पर पर्याप्त मात्रा में बर्फ के मौजूद होने से इस बात के संकेत मिलते हैं कि आगे के अभियानों या यहां तक कि चंद्रमा पर रहने के लिए भी जल की उपलब्धता की संभावना है। ‘पीएनएएस’ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि बर्फ इधर-उधर बिखरे हुए हैं।
 
दक्षिणी ध्रुव पर अधिकतर बर्फ लूनार क्रेटर्स के पास जमी हुई हैं। उत्तरी ध्रुव के बर्फ अधिक व्यापक तौर पर फैले हुए हैं लेकिन अधिक बिखरे हुए हैं। वैज्ञानिकों ने नासा के मून मिनरेलॉजी मैपर (एम3) से प्राप्त आंकड़ों का इस्तेमाल कर यह दिखाया है कि चंद्रमा की सतह पर जल हिम मौजूद हैं। 
 
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा 2008 में प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-1 अंतरिक्षयान के साथ एम3 को भेजा गया था। ये जल हिम ऐसे स्थान पर पाए गए हैं, जहां चंद्रमा के घूर्णन अक्ष के थोड़ा झुके होने के कारण सूरज की रोशनी कभी नहीं पहुंच पाती। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

पूर्व प्रधानमंत्री का पोता बलात्कार मामले में दोषी, कोर्ट में रो पड़ा प्रज्वल, अब सजा का इंतजार

निमिषा प्रिया की फांसी रद्द होने की खबरों का सच, विदेश मंत्रालय ने बताई हकीकत

'रमी' खेलने वाले मंत्री कोकाटे को मिला नया विभाग

किससे है गंगा के ग्रीष्मकालीन प्रवाह का संबंध, IIT रुड़की के रिसर्च में हुआ खुलासा

राहुल गांधी बोले, वोट चोरी करवा रहा है चुनाव आयोग, हमारे पास सबूत

सभी देखें

नवीनतम

क्यों तेजी से इस धर्म को छोड़ रहे लोग, कैसी है हिन्दुओं की हालत, जानिए किन देशों में बढ़े धर्मपरिवर्तन के मामले

टैरिफ लगाने वाले अमेरिका के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं भारत और भारतीय?

क्या होता है टैरिफ?, ट्रंप के फैसले से भारत पर क्या पड़ सकता है असर?

ग़ाज़ा: भोजन की आस में इंतज़ार के दौरान लगभग 1,400 फ़लस्तीनियों की मौत

अगला लेख